बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों की समीक्षा
आरबीआई/2012-13/514 30 मई 2013 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों की समीक्षा जैसा कि 03 मई 2013 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 के पैरा 81 (उद्धरण संलग्न) में सूचित किया गया है, ‘बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश’ को इस संबंध में गठित कार्यदल (अध्यक्षः श्री बी. महापात्र) की संस्तुतियों और दिनांक 31 जनवरी 2013 को बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 21.04.132/2012-13 द्वारा जारी प्रारूप दिशानिर्देशों पर प्राप्त टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया है। 2. संशोधित अनुदेश अनुबंध में दिए गए हैं जिनमें उक्त विषय के संबंध में केवल परिवर्तित सिद्धांतों/अनुदेशों का वर्णन किया गया है। अतएव इन दिशानिर्देशों को उक्त विषय पर दिए गए उन अनुदेशों के साथ मिलाकर पढ़ा जाना चाहिए जो ‘अग्रिमों के संबंध में आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान करने से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड’ पर 02 जुलाई 2012 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 9/ 21.04.048/2012-13 में दिए गए हैं। उक्त मास्टर परिपत्र दिनांक 27 अगस्त 2008 को जारी ‘अग्रिमों की पुनर्रचना पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश’, परवर्ती परिपत्रों तथा मेल-बॉक्स स्पष्टीकरणों का नवीनतम संकलन है। भवदीय (चंदन सिन्हा) मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 से उद्धरण बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले अग्रिमों की पुनर्संरचना पर विवेकसम्मत दिशानिर्देश (प्रुडेंशियल गाइडलाइन्स) 81. दूसरी तिमाही समीक्षा में यह घोषणा की गई थी कि बैंकों / वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले अग्रिमों की पुनर्संरचना पर वर्तमान विवेकसम्मत (प्रुडेंशियल) दिशानिर्देशों की समीक्षा के लिए कार्यदल (अध्यक्ष: श्री बी.महापात्र) की सिफारिशों और इस संबंध में प्राप्त टिप्पणियों/सुझावों की जांच की जा रही है और जनवरी 2013 के अंत तक ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। तदनुसार, 31 जनवरी 2013 को ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए गए और इस पर 28 फरवरी 2013 तक टिप्पणी मंगाई गई। प्राप्त टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि:
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