विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा - कॉरपोरेट्स और एनबीएफसी से संबन्धित एक्सपोजर के लिए जोखिम भार - आरबीआई - Reserve Bank of India
विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा - कॉरपोरेट्स और एनबीएफसी से संबन्धित एक्सपोजर के लिए जोखिम भार
आरबीआई/2022-23/125 10 अक्तूबर 2022 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय, विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा - कॉरपोरेट्स और एनबीएफसी से संबन्धित एक्सपोजर के लिए जोखिम भार कृपया 1 अप्रैल 2022 के बासेल III पूंजी विनियमों पर जारी मास्टर परिपत्र के पैरा 6.8.1 (i) का संदर्भ लें, जिसके अनुसार बैंकों को विनिर्दिष्ट ऋण पर लागू रेटिंग अपने अमूल्यांकित दावो पर लागू करने की अनुमति दी गई है, यदि वह दावा सभी दृष्टियों से विनिर्दिष्ट रेटिंग किए गए ऋण के समरूप अथवा वरिष्ठ हो और अमूल्यांकित दावे की परिपक्वता रेटिंग किए गए दावे की परिपक्वता के बाद न हो । बैंक बाह्य ऋण निर्धारण संस्थानों (ईसीएआई) द्वारा बैंक ऋण रेटिंग के प्रकाशन के संबंध में पूर्वोक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 6.2.5 का भी संदर्भ लें। 2. यह पाया गया है कि रेटिंग क्रियाओं पर ईसीएआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों (पीआर) में अक्सर ऋणदाताओं के विवरण नहीं होते हैं। ऐसी जानकारी के अभाव में बैंको द्वारा निर्धारित शर्तों के पालन के संबंध में स्वयं को संतुष्ट किए बिना, गैर-रेटेड एक्सपोजर के लिए व्युत्पन्न जोखिम भार लागू करने की संभावना हैं। इसके परिणामस्वरूप, पूंजी के लिए कम प्रावधान के साथ-साथ जोखिमों का कम मूल्य निर्धारण होने की संभावना है। उपर्युक्त सूचना विषमता को दूर करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ईसीएआई को दिनांक 4 जून 2021 के पत्र के माध्यम से उधारकर्ताओं से अपेक्षित सहमति प्राप्त करने के बाद, 31 अगस्त 2021 तक रेटिंग कार्यों पर जारी पीआर में उनके द्वारा रेट की गई क्रेडिट सुविधाओं तथा संबन्धित बैंकों के नाम का प्रकटीकरण करने के लिए सूचित किया गया था। 3. हालांकि, समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि ईसीएआई द्वारा बड़ी संख्या में जारी किए गए पीआर में उपर्युक्त प्रकटीकरण उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि ईसीएआई को उधारकर्ताओं द्वारा अपेक्षित सहमति नहीं दी गई है। इसलिए, यह सूचित किया जाता है कि ईसीएआई द्वारा उपर्युक्त प्रकटीकरण के बिना बैंक ऋण रेटिंग बैंकों द्वारा पूंजी गणना के लिए पात्र नहीं होगी। बैंकों द्वारा ऐसे एक्सपोजर को अमूल्यांकित रेटिंग मानकर पूर्वोक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 5.8.1 (समय-समय पर किए गए संशोधनों के साथ पठित) के अनुसार लागू जोखिम भार निर्धारित किए जाना चाहिए । 4. उदाहरण के तौर पर, इसे एक परिदृश्य के माध्यम से समझाया जा सकता है, जहां एक उधारकर्ता ने बैंक ए, बी और सी से क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया है और ईसीएआई से बाहरी रेटिंग केवल बैंक ए द्वारा दी गई क्रेडिट सुविधा के संबंध में प्राप्त की गई है। यदि ईसीएआई ने बैंक ए का नाम और संबंधित क्रेडिट सुविधा जो ईसीएआई द्वारा रेट की गई हो, का प्रकटीकरण किया है, तो बैंक ए जोखिम भार के उद्देश्य के लिए उक्त रेटिंग की गणना कर सकता है। बैंक बी और सी को मास्टर परिपत्र के पैरा 6.8.1 (i) में उल्लिखित शर्तों के अधीन अपनी संबंधित अमूल्यांकित क्रेडिट सुविधाओं के रेटिंग के लिए जोखिम भार प्राप्त करने की अनुमति है, जैसा की अब तक अनुमत किया गया है। ईसीएआई द्वारा उपर्युक्त प्रकटीकरण नहीं किए जाने की स्थिति में, किसी भी बैंक द्वारा उक्त रेटिंग की गणना नहीं की जानी चाहिए, और इसलिए मौजूदा निर्देशों के अनुसार लागू होने वाले 100 प्रतिशत या 150 प्रतिशत के जोखिम भार लागू होंगे। 5. उपर्युक्त निर्देश 31 मार्च 2023 से प्रभावी होंगे। भवदीय (मनोरंजन मिश्र) |