RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79223481

ट्रासंजेडर व्यक्तियों (किन्नरों) के अधिकार- बैंक फार्मों/आवेदन पत्रों आदि में परिवर्तन किया जाना

आरबीआई/2014-15/572
बैविवि.सं.एलईजी.बीसी.91/09.07.005/2014-15

23 अप्रैल, 2015

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/महोदया

ट्रासंजेडर व्यक्तियों (किन्नरों) के अधिकार- बैंक फार्मों/आवेदन पत्रों आदि
में परिवर्तन किया जाना

हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि ट्रासंजेडर व्यक्तियों को बैंक खाता खोलते समय परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि खाता खोलने और अन्य फार्मों में उनके लिए कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं।

2. इस संबंध में, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य मामले में 15 अप्रैल 2014 को दिए गए निर्णय [एआईआर 2014 एससी 1863: (2014) 5 एससीसी 438] का संदर्भ लें, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लिंग के तीसरे वर्ग के रूप में मान्यता दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अपना लिंग स्वत: निर्धारित करने का अधिकार होने की बात को स्वीकार किया है और केंद्र तथा राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे उनके लिंग की पहचान को यथा – पुरुष, स्त्री या लिंग के ‘तीसरे वर्ग’ के रूप में विधिक मान्यता प्रदान करें ।

3. अत:, बैंकों को निर्देश दिया जाता है कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक अथवा उनके द्वारा निर्धारित फार्मों/आवेदन पत्रों में जहां भी लिंग के वर्गीकरण पर विचार किया जाना हो, लिंग के ‘तीसरे वर्ग’ को भी शामिल करें ।

भवदीय,

(राजिंदर कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?