जोखिम आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा (आरबीआईए) - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा (आरबीआईए)
भारिबैं/2020-21/88 03 फरवरी, 2021 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, जोखिम आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा (आरबीआईए) किसी भी वित्तीय इकाई में एक स्वतंत्र और प्रभावी आंतरिक लेखापरीक्षा कार्य, बोर्ड और उसके वरिष्ठ प्रबंधन को इकाई के आंतरिक नियंत्रण, जोखिम प्रबंधन और शासन ढांचे की गुणवत्ता और प्रभावशीलता के प्रति अत्यंत आश्वासन प्रदान करता है। एक मजबूत आंतरिक लेखापरीक्षा कार्य की जरूरी आवश्यकताओं में अन्य बातों के साथ, पर्याप्त अधिकार, उचित महत्व, स्वतंत्रता, पर्याप्त संसाधन और पेशेवर क्षमता की आवश्यकता भी शामिल होती हैं। 2. पर्यवेक्षित इकाईयों द्वारा (एसई) के समक्ष खड़ी जोखिम के दायरे और उसकी समानता से निपटने के लिए पर्यवेक्षित इकाईयों में कुछ सामान्य मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर आंतरिक लेखापरीक्षा के लिए प्रकिया और सामंजस्यपूर्ण प्रणालियों की जरूरत होगी। 3. जोखिम आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा (RBIA) व्यवस्था की शुरूआत सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के लिए अनिवार्य थी। इस संबंध में हमारे 27 दिसंबर, 2002 के परिपत्र- DBS.CO.PP.BC.10/11.01.005/2002-03 के साथ-साथ, 07 जनवरी, 2021 का पूरक परिपत्र- DoS.CO.PPG./SEC.04/11.01.005/2020-21 देखें। अब निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी) के लिए आरबीआईए फ्रेमवर्क को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया गया है:
4. उपर्युक्त पैरा 3 में इंगित की गई पर्यवेक्षित इकाईयाँ, 31 मार्च, 2022 तक संलग्न अनुबंध में उपलब्ध कराए गए जोखिम-आधारित आंतरिक लेखापरीक्षा के दिशानिर्देशों के अनुसार, आरबीआईए फ्रेमवर्क को लागू करेंगी। दिशानिर्देशों का उद्देश्य एनबीएफसी और यूसीबी द्वारा अपनायी गयी आंतरिक लेखापरीक्षा प्रणालियों और प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाना है। 5. इसके अलावा, मौजूदा आंतरिक लेखापरीक्षा प्रणाली से आरबीआईए प्रणाली में सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए, संबंधित एनबीएफसी और यूसीबी, उपयुक्त कार्य योजना तैयार करने की जिम्मेदारी लेने वाली वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति का गठन कर सकते हैं। समिति को संक्रमणकालीन और परिवर्तन प्रबंधन संबंधी समस्याओं का समाधान करना चाहिए और बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन को समय-समय पर कार्य-प्रगति की रिपोर्ट करनी चाहिए। 6. यह परिपत्र अगली बैठक में बोर्ड के समक्ष रखा जाए। निर्दिष्ट समय-सीमा के अनुसार इन दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन बोर्ड की निगरानी में किया जाए। भवदीय, (अजय कुमार चौधरी) संलग्नक- अनुबंध 1The UCBs having asset size less than ₹500 crore, all Salary Earners UCBs, Unit UCBs and UCBs under All Inclusive Directions shall continue to be covered under the extant internal audit requirements as prescribed in Master Circular DCBR.CO.BPD.(PCB).MC.No. 3/12.05.001/2015-16 dated July 1, 2015. |