जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
भारिबैंक/2012-13/124 11 जुलाई 2012 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (प्रा.व्या. श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमावली, 2000 [3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा/25/आरबी-2000] और 15 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.58 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा विनियमों के तहत, वायदा संविदाएं, जिनमें शामिल मुद्राओं में से एक मुद्रा रुपया है, जिसे निवासियों ने चालू और पूँजी खातेगत लेनदेनों को हेज करने के लिए बुक किया है, को रद्द करने और फिर से बुक करने की सुविधा नहीं है। तथापि, निवासियों द्वारा एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए पूँजी खातेगत लेनदेनों को हेज करने के लिए बुक की गयी वायदा संविदा (संविदाएं), अगर एक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के साथ रद्द की जाती हैं तो उन्हें निम्नलिखित शर्तों के तहत अन्य प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के साथ बुक किया जा सकता है: i. मूल संविदा की बुकिंग जिस प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के साथ हुई हो उसके साथ बैंकिंग संबंध समाप्त होने पर, प्रतियोगी दर पर दी गयी सुविधा के लिए, इसे बदला (स्विच किया) जा सकता है; ii. संविदा की परिपक्वता की तारीख पर संविदा को रद्द करने तथा पुन: बुकिंग करने का काम साथ-साथ किया जाए; और iii. यह सुनिश्चित करने का दायित्व, कि मूल संविदा रद्द हो गई है, संविदा की पुन: बुकिंग करने वाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक का होगा। 3. पुनरीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि निवासियों द्वारा किए गए सभी हेज लेनदेनों के लिए संविदा की परिपक्वता की तारीख को प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी बैंकों के बदलने पर (स्विच करते हुए) संविदाओं के रोलओवर के संबंध में भी उल्लिखित लचीलेपन की (flexibility) सुविधा प्रदान की जाए । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |