जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग
आरबीआइ/2005-06/75
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.03
जुलाई 23, 2005
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,
जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन - पण्यों की हेजिंग
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के पैराग्राफ 6 की ओर आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक, मामला-दर-माम् ाला आधार पर कतिपय शर्तों के अधीन भारत के निवासियों को किसी पण्य के आयात/ निर्यात के संबंध में मूल्य जोखिम की हेजिंग के लिए भारत के बाहर पण्य मंडी अथवा बाज़ारों में करार करने की अनुमति देता है।
2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अंतरराष्ट्रीय पण्य मंडियों/ बाज़ारों में किसी पण्य (सोना, चांदी, पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद को छोड़कर) के मूल्य जोखिम की हेजिंग के लिए मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों को अनुमति देने हेतु चुनिन्दा प्राधिवफ्त वाणिज्यिक बैंकों को अधिकार दिए जाएं। निम्नलिखित न्यूनतम मानदंडों से पूरा करनेवाले तथा अपने ग्राहकों को यह सुविधा देने वे इच्छुक प्राधिवफ्त व्यापारी वाणिज्यिक बैंक अनुमोदन के लिए अपना आवेदन पत्र मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केन्द्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, अमर भवन, 5वीं मंजिल, मुंबई 400 001 को भेजें।
प्राधिवफ्त व्यापारी द्वारा निम्नलिखित न्यूनतम मानदंडों को पूरा किया जाना जरूरी है :
व) कम से कम तीन वर्षों के लिए लगातार लाभप्रदता
वव) न्यूनतम सीआरएआर 9 प्रतिशत
ववव) उचित स्तर पर निवल अनर्जक परिसंपत्तियां जो निवल अग्रिम के 4 प्रतिशत से अधिक न हो
वख्) 300 करोड़ रुपये की न्यूनतम निवल मालियत
प्राधिवफ्त व्यापारी रिज़र्व बैंक से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही कंपनियों को अनुमति प्रदान करें। रिज़र्व बैंक, आवश्यक समझे जाने पर बैंकों को दी गई अनुमति को वापस ले सकता है।
3. कंपनियों को हेजिंग लेनदेनों की अनुमति देने से पहले, प्राधिवफ्त व्यापारी उनसे बोड़ का संकल्प प्रस्तुत करने को कहें जिसमें यह दर्शाया गया हो कि (व) बोड़ इन लेनदेनों मे शामिल जोखिम को जानता है, (वव) हेजिंग लनेदेनों का प्रकार, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी आनेवाले वर्ष में लेगी, तथा (ववव) कंपनी वहीं हेजिंग लेनदेन करेगी जहां मूल्य जोखिम पर यह प्रभाव डालता है। प्राधिवफ्त व्यापारी हेजिंग लेनदेन के संबंध में इनकार कर सकते हैं यदि किसी लेनदेन की वास्तविकता पर संदेह है अथवा कंपनी मूल्य जोखिम से प्रभावित नहीं है। शर्तें, जिसके तहत प्राधिवफ्त व्यापारी हेजिंग के लिए अनुमति देंगे और लेनदेन की निगरानी हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत इस परिपत्र के संलग्नक में दिए गए हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि पण्य के अंतरराष्ट्रीय मूल्य से घरेलू मूल्य के संबद्ध होने के बावज़ूद अंतरराष्ट्रीय मंडियों/ बाज़ारों में घरेलू बिक्री/ खरीद लेनदेनों के संबंध में मूल्य जोखिम की हेजिंग की अनुमति नहीं है। ग्राहकों द्वारा हेजिंग गतिविधियां शुरू करने के पहले ही उन्हें आवश्यक परामर्श दिए जाएं।
4. बैंक, जिन्हें पण्य की हेजिंग के अनुमोदन के लिए अनुमति दी गई है, वे मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, केन्द्रीय कार्यालय, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, अमर भवन, 5वीं मंजिल, मुंबई 400 001 को प्रत्येक वर्ष 31 मार्च की स्थिति के अनुसार एक महीने के अंदर उन कंपनियों, जिन्हें पण्य हेजिंग की अनुमति दी गई है और उस वस्तुओं जिनकी हेजिंग की गई है के नाम देते हुए एक वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
5. प्राधिवफ्त व्यापारी प्रत्यायोजित प्राधिकारों के तहत शामिल न किए गए हेजिंग लेनदेनों को करने के लिए ग्राहकों से प्राप्त आवेदनों को रिज़र्व बैंक को भेजना जारी रखें।
6. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कान्ट्रैक्ट्स) विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
7. वाणिज्य बैंक प्राधिवफ्त व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(विनय बैजल)
मुख्य मब प्रबंधक
डए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.03 दिनांक जुलाई 23, 2005
अंतरराष्ट्रीय पण्य मंडी/ बाज़ार में हेजिंग लेनदेनों के लिए शर्तें / मार्गदर्शी सिद्धांत
1. हेजिंग लेनदेनों का केन्द्रबिंदु जोखिम विस्तार को रोकने पर होगा। केवल प्रतिसंतुलन (ऑफ-सेट) हेजिंग की अनुमति है।
2. सभी स्टैंडड़ एक्सचेंज ट्रेडेड फ्यूचर्स एण्ड ऑप्शन्स (खरीद मात्र) की अनुमति है। यदि जोखिम की रूपरेखा (प्रोफाइल) अधिकार देती है तो कंपनी/ फर्म काऊंटर पर करार (ओटीसी) का भी उपयोग कर सकते हैं। जब तक प्रीमियम का प्रत्यक्ष अथवा अंतर्निहित निवल आवक न हो, कंपनी/ फर्म एक साथ खरीद और बिक्री विकल्प को शामिल करके विकल्प योजनाओं का मिला-जुला उपयोग कर सकते हैं। कंपनी/ फर्म को उसी दलाल से प्रतिकूल लेनदेन पर किसी वैकल्पिक स्थिति को र िकरने की अनुमति है।
3. कंपनी/ फर्म प्राधिवफ्त व्यापारी के साथ विशेष खाता खोलें। हेजिंग के लिए प्रासंगिक सभी भुगतान/ प्राप्तियां प्राधिवफ्त व्यापारी अपने इसी खाते के माध्यम से करें और इसे रिज़र्व बैंक को भेजने की जरूरत नहीं है।
4. कंपनी के वित्तीय नियंत्रक द्वारा विधिवत पुष्ट किए गए/ प्रतिहस्ताक्षरित दलाल के माह के अंत की रिपोर्ट की एक प्रति बैंक द्वारा सत्यापित की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी ऑफ-शोर स्थितियों को भौतिक ऋण जोखिमों का सहारा था / है।
5. दलाल द्वारा प्रस्तुत आवधिक विवरणों, विशेषकर बुक किए गए लेनदेन और समाप्त करारों तथा निपटान में देय/ प्राप्य राशि के ब्योरे प्रस्तुत करनेवाले विवरणों की कंपनी/ फर्म जांच करे। मिलान न की गई मदों के संबंध में दलाल अनुवर्ती कार्रवाई करे और तीन महीने के अंदर मिलान कार्य पूरा करे।
6. कंपनी/ फर्म किसी प्रकार की मनमानी/ अव्यवहारिक लेनदेन न करे। इस संबंध में निगरानी का दायित्व प्राधिवफ्त व्यापारी पर होगा।
7. कंपनी/ फर्म सांविधिक लेखापरीक्षक से प्राप्त वार्षिक प्रमाणपत्र प्राधिवफ्त व्यापारी को प्रस्तुत करे। प्रमाणपत्र यह पुष्टि करे कि निर्धारित शर्तों का अनुपालन किया गया है और कि कंपनी/ फर्म का आंतरिक नियंत्रण संतोषजनक है। इस प्रमाणपत्र को आंतरिक लेखापरीक्षक/ निरीक्षण के लिए रिकाड़ में रखा जाए।