जोखिम प्रबंधन तथा अंतर बैंक लेनदेन – प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को समय के बाद ऑनशोर बाजार में यूजर और अंतर बैंक संव्यवहार स्वेच्छा करने की अनुमति देना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंधन तथा अंतर बैंक लेनदेन – प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को समय के बाद ऑनशोर बाजार में यूजर और अंतर बैंक संव्यवहार स्वेच्छा करने की अनुमति देना
आरबीआई/2019-20/136 जनवरी 6, 2020 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I बैंक महोदया / महोदय, जोखिम प्रबंधन तथा अंतर बैंक लेनदेन – प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को समय के बाद ऑनशोर बाजार में यूजर और अंतर बैंक संव्यवहार स्वेच्छा करने की अनुमति देना विदेशी मुद्रा विनियम प्रबंधन (विदेशी मुद्रा विनियम डेरिवेटिव संविदाएं) विनियम, 2000 (अधिसूचना सं.फेमा.25/आरबी-2000 दिनांक 3 मई 2000) के माध्यम से अधिसूचित जो कि समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उप-धारा (2) के परिच्छेद (ज) के तहत जारी किया गया और 5 जुलाई 2016 को जारी मास्टर निदेश–जोखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन के प्रति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I के बैंकों का ध्यान आकर्षित किया जाता है। 2. दिनांक 04 अक्तूबर 2019 को जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों के वक्तव्य में की गई घोषणा के अनुसार यह निर्णय किया गया है कि ऑफशोर रुपया बाजार विषयक टास्क फोर्स की सिफारिशों को स्वीकार किया जाए और एडी वर्ग-1 के बैंकों को अनुमति दी जाए कि वे अपनी भारतीय बहियों से अलग हटते हुए, किसी स्वदेशी विक्रय टीम द्वारा अथवा अपनी ओवरसीज शाखाओं के माध्यम से प्रयोक्ताओं को सभी समय विदेशी मुद्रा कीमतें ऑफर कर सकते हैं। 3. तदनुसार मास्टर निदेश – जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेनदेन के भाग-सी में निम्नलिखित खंड को जोड़ा जा रहा है : “6. ऑनशोर बाजार समय के बाद भी ग्राहक और अंतर बैंक संव्यवहार प्राधिकृत डीलरों को ग्राहक (भारत में निवासी व्यक्तियों और भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों) और अंतर-बैंक संव्यवहारों को ऑनशोर बाजार समय के बाद भी करने की अनुमति दी जाती है। अपनी विदेशी शाखाओं और सहायक इकाइयों के माध्यम से भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों के साथ भी ऑनशोर बाजार समय के बाद संव्यवहार किए जा सकते हैं।’’ 4. यह परिपत्र विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है एवं किसी अन्य विधि के तहत आवश्यक अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, के प्रति पक्षपात रहित है । भवदीय, (शाश्वत महापात्र) |