जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.92 अप्रैल 4, 2003 सेवा में महोदया/महोदय, जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 24, 2002 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रमांक 19 की विषय में समय समय पर जारी विविध संशोधनों की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. वायदा विनियम रक्षा, अन्य व्युत्पन्न उत्पादों, अनिवासी बैंकों के रुपये खाते और अंतर बैंक लेनदेन आदि से संबंधित अनुदेशों को समेकित करके इस परिपत्र के अनुलग्नक के रूप में शामिल किया गया है। ये अनुदेश्ं ऊपर उल्लिखित परिपत्र के अनुदेशों का अधिक्रमण करते हैं। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) |