जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करना
भारिबैं/2017-18/41 10 अगस्त 2017 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय, जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन : रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदा) विनियम, 2000 दिनांक 3 मई 2000 (अधिसूचना सं.फेमा/25/आरबी-2000 दिनांक 3 मई 2000) और समय समय़ पर यथा संशोधित जोखिम प्रबंधन और अंतर-बैंक लेन देन पर मास्टर निदेश दिनांक 5 जुलाई 2016 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है । 2. ऊपर उल्लिखित मास्टर निदेश के भाग-ई (रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट) के अंतर्गत पैरा (viii) के अनुसार एडी श्रेणी-। बैंक के मुख्य/प्रधान कार्यालय को फार्म बीएएल में एक विवरण पाक्षिक आधार पर अपने सभी विदेशी मुद्रा धारणों के ब्यौरे देते हुए, ऑनलाइन रिटर्न्स फाइलिंग सिस्टम (ओआरएफएस) के माध्यम से उस रिपोर्टिंग अवधि के, जिससे यह संबंधित हो, सात कैलेंडर दिनों के भीतर प्रस्तुत करना होता है । अब यह निर्णय लिया गया है कि 16 अगस्त 2017 से यह विवरण (अर्थात्, अगस्त 2017 के पहले पखवाड़े के लिए विवरण) अनुबंध । में दिये गये फार्मैट के अनुसार वेब पोर्टल https://bop.rbi.org.in के माध्यम से प्रस्तुत किया जाये । 3. ऊपर उल्लिखित मास्टर निदेश के भाग-ई के अंतर्गत पैरा (ii) के अनुसार एडी श्रेणी । बैंक के मुख्य/प्रधान कार्यालय को नोस्त्रो/वोस्त्रो खाता शेष का मासिक विवरण प्रस्तुत करना होता है । अब यह निर्णय लिया गया है कि इस रिपोर्ट को बंद कर दिया जाये । 4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42 वाँ) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और इनसे किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि हो, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है । भवदीय, (टी. रबिशंकर) |