‘इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों’ के रूप में श्रेणीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बैंक एक्सपोज़र के संबंध में जोखिम-भार तथा एक्सपोज़र संबंधी मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
‘इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों’ के रूप में श्रेणीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बैंक एक्सपोज़र के संबंध में जोखिम-भार तथा एक्सपोज़र संबंधी मानदंड
आरबीआइ/2009-10/317 12 फरवरी 2010 सभी वाणिज्य बैंक महोदय ‘इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों’ के रूप में श्रेणीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बैंक कृपया वर्ष 2009-10 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा का पैराग्राफ 160 (उद्धरण की प्रतिलिपि संलग्न) देखें जिसमें यह प्रस्ताव किया गया था कि इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों (आइएफसी) के रूप में श्रेणीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में बैंकों के एक्सपोज़र के लिए जोखिम-भार को बाह्य ऋण मूल्यांकन संस्थाओं (ईसीएआइ) द्वारा इन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को दी गयी क्रेडिट रेटिंग के साथ संबद्ध कर दिया जाए। 2. तदनुसार, अब से एनबीएफसी-आइएफसी में बैंकों के एक्सपोज़र पर जोखिम-भार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मान्यताप्राप्त रेटिंग एजेंसियों द्वारा इन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को दी गयी रेटिंग के अनुसार लगाया जाएगा । बैंक इस संबंध में नए पूंजी पर्याप्तता ढांचे पर 08 फरवरी 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 73/21.06.001/2009-10 के पैराग्राफ 5.8.1 तथा 8.3.5 देखें और ऋण जोखिम तथा बाजार जोखिम के अंतर्गत विनिर्दिष्ट जोखिम के लिए पूंजी की गणना करते समय समुचित जोखिम-भार लगाएं जो कार्पोरेट/कार्पोरेट बांडों पर लगाए जाने वाले जोखिम-भारों के समान होंगे । हमारे उपर्युक्त परिपत्र में दर्शाए गए अन्य प्रावधान भी लागू होंगे। 3. कृपया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंक वित्त पर जारी मास्टर परिपत्र (बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 5/21.04.172/2009-10, दिनांक 01 जुलाई 2009) का पैराग्राफ 8 भी देखें जिसके अनुसार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में बैंकों के एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण उच्चतम सीमाएं निर्धारित की गई हैं । इस संबंध में, इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों में किसी बैंक का एक्सपोज़र उसके अंतिम लेखा परीक्षित तुलनपत्र के अनुसार उसकी पूंजीगत निधि के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए जिसके साथ यह प्रावधान हो कि इस सीमा को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा सकता है यदि उक्त एक्सपोज़र इफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों द्वारा इफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को उधार पर दी गयी निधियों के कारण हुआ है। भवदीय (बी. महापात्र) |