5000 से अधिक आबादी वाले अनुसूचित वाणिज्य बैंक शाखारहित गांवों में इमारती शाखाएं खोलने हेतु रोडमैप - आरबीआई - Reserve Bank of India
5000 से अधिक आबादी वाले अनुसूचित वाणिज्य बैंक शाखारहित गांवों में इमारती शाखाएं खोलने हेतु रोडमैप
भारिबैं/2015-16/277 31 दिसंबर 2015 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रिय महोदय / महोदया, 5000 से अधिक आबादी वाले अनुसूचित वाणिज्य बैंक शाखारहित गांवों में इमारती शाखाएं खोलने हेतु रोडमैप आप जानते हैं कि एसएलबीसी संयोजक बैंकों को दिनांक 19 जून 2012 के परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.एलबीएस. बीसी.सं.86/02.01.001/2011-12द्वारा सूचित किया गया था कि वे व्यवसाय प्रतिनिधि (बीसी) और शाखाओं के सहयोग से 2000 से कम आबादी वाले बैंकरहित सभी गांवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु रोडमैप तैयार करें। बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि बीसी ईकाइयों के समूह को सहायता उपलब्ध कराने के लिए 3-4 किलोमीटर की उचित दूरी पर कोई इमारती शाखा होने को सुनिश्चित किया जाए। फरवरी 2013 में एसएलबीसी संयोजक बैंकों को सूचित किया गया था कि वे रोडमैप की समीक्षा करें और उन्हें आवंटित बैंकरहित गांवों को कवर करने के लिए शाखाओं के अनुपात में इस तरह से वृद्धि करें जिससे कि राज्य में अभिनिर्धारित बैंकरहित गांवों का 5 प्रतिशत शाखा मोड से कवर हो सके। आगे, पीएमजेडीवाई के निरंतर चल रहे कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए दिनांक 02 जनवरी 2015 के परिपत्र विसविवि.केंका.एलबीएस.बीसी. सं.47/02.01.001/ 2014-15 द्वारा एसएलबीसी संयोजक बैंकों और अग्रणी बैंकों को सूचित किया गया था कि वे 2000 से कम आबादी वाले बैंकरहित गांवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया 14 अगस्त 2015 तक पूरी कर लें। 2. रोडमैप की समीक्षा करने पर यह पाया गया कि बैंकरहित गांवों में बैंकिंग सेवाओं का कवरेज बीसी मॉडल के संबंध में विषम है तथा बीसी के प्रति शाखाओं का अनुपात बहुत कम है। बैंकिंग की पैठ और वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए इमारती शाखाएं एक अत्यावश्यक घटक है। अतः यह निर्णय किया गया है कि 5000 से अधिक की आबादी वाले अनुसूचित वाणिज्य बैंक शाखारहित गांवों पर ध्यान केंद्रित किया जाए। इससे बैंक गुणवत्तापूर्ण वित्तीय सेवाएं प्रदान करने और बीसी आउटलेट को समय पर सहायता देने में भी सक्षम बनेंगे जिससे बीसी के माध्यम से उपलब्ध की जा रही सेवाओं को जारी रखते हुए उन्हें मजबूती प्रदान की जा सकेगी और बीसी के परिचालनों का बारीकी से पर्यवेक्षण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। 3. तदनुसार, एसएलबीसी संयोजक बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अपने राज्य में 5000 से अधिक की आबादी वाले अनुसूचित वाणिज्य बैंक शाखारहित गांव अभिनिर्धारित करें। ऐसे अभिनिर्धारित गांव अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) को शाखा खोलने हेतु आवंटित किए जाएंगे। इस रोडमैप के अंतर्गत बैंक शाखा खोलने का कार्य 31 मार्च 2017 तक पूरा किया जाना चाहिए। 4. विभिन्न बैंकों को आवंटित गाँवों के ब्योरे के साथ अंतिम रोडमैप अनुबंध 'ए' में दिए गए प्रोफार्मा के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को अधिकतम 31 जनवरी 2016 तक प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इस रोडमैप के अंतर्गत प्रगति के मूल्यांकन हेतु डीसीसी और एसएलबीसी द्वारा तिमाही निगरानी और समीक्षा प्रक्रिया स्थापित की जानी चाहिए। एसएलबीसी संयोजक बैंकों को चाहिए कि वे मार्च 2016 को समाप्त तिमाही से अगले माह की 15 तारीख तक शाखा खोलने में जिला-वार और बैंक-वार प्रगति का तिमाही विवरण अनुबंध बी के अनुसार रिज़र्व बैंक के वित्तीय समावेशन और विकास विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करने की व्यवस्था करें और संबंधित एसएलबीसी वेबसाइट पर भी उसे प्रकाशित करें। 5. एसएलबीसी संयोजक बैंक इस रोडमैप को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और निर्धारित समय सीमा में गांवों का आवंटन पूरा किए जाने को सुनिश्चित करें। 6. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। भवदीया (माधवी शर्मा) |