ग्राहकों की शिकायतों और एटीएम लेनदेनों के कारण समाधान न किए गए शेष का विश्लेषण एवं प्रकटीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
ग्राहकों की शिकायतों और एटीएम लेनदेनों के कारण समाधान न किए गए शेष का विश्लेषण एवं प्रकटीकरण
आरबीआई/2013-14/269 17 सितंबर 2013 अध्यक्ष महोदय / महोदया, ग्राहकों की शिकायतों और एटीएम लेनदेनों के कारण लोक सेवाओं पर प्रक्रिया एवं कार्यनिष्पादन लेखा-परीक्षा पर गठित समिति (सीपीपीएपीएस) ने सिफारिश की थी कि बैंकों को प्राप्त शिकायतों का विश्लेषण करते हुए एक विवरण अपने बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। सीपीपीएपीएस ने यह भी सिफारिश की थी कि बैंकों द्वारा उनके वित्तीय परिणामों के साथ शिकायतों एवं उनके विश्लेषण का विवरण भी प्रकट किया जाना चाहिए। साथ ही, एक यह सुझाव प्राप्त हुआ है कि बैंकिंग लोकपाल के बिना कार्यान्वयन वाले निर्णय भी वित्तीय परिणामों के साथ-साथ प्रकट किए जाने चाहिए। 2. शिकायत निवारण व्यवस्था की बढ़ती दक्षता के परिप्रेक्ष्य में इस मामले की जांच की गई और तदनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे शिकायतों का विवरण तथा प्राप्त शिकायतों के विश्लेषण अपने बोर्ड/ ग्राहक सेवा समितियों के समक्ष प्रस्तुत करें। शिकायतों का विश्लेषण (i) जिन ग्राहक सेवा क्षेत्रों में शिकायतें बार-बार प्राप्त होती हैं उनकी पहचान करने; (ii) बार-बार शिकायत के स्रोतों की पहचान करने; (iii) प्रणालीजन्य कमियों की पहचान करने; (iv) शिकायत निवारण व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए समुचित कार्रवाई शुरु करने हेतु किया जाना चाहिए। 3. साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने वित्तीय परिणामों के साथ-साथ निम्नलिखित संक्षिप्त ब्योरे भी प्रकट करने के लिए सूचित किया गया; क. ग्राहक शिकायतें
ख. बैंकिंग लोकपाल द्वारा पारित निर्णय
4. अन्य बैंक के एटीएम में किसी असफल लेनदेन की स्थिति में ग्राहक को कार्ड जारी करनेवाले बैंक के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए भले ही लेनदेन दूसरे बैंक के एटीएम में किया गया हो। यह स्पष्ट किया जाता है कि आरआरबी को उनके द्वारा जारी एटीएम कार्डों से संबंधित सभी शिकायतों को ऊपर निर्दिष्ट प्रकटीकरण में शामिल कर लेना चाहिए। कार्ड जारी करनेवाला बैंक अधिग्राहक बैंक को जहां एटीएम संबंधित शिकायतों के लिए उत्तरदायी ठहराता है, वहां इसे प्राप्त कुल शिकायत संख्या में शामिल करने के बाद एक टिप्पणी द्वारा स्पष्ट किया जाए। 5. एटीएम में नकदी को वापस लेने (रिक्ट्रैक्शन), सेंसर फेल हो जाने और अन्य तकनीकी/ हाड्रवेयर भूलों के कारण क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को समाधान (रिकन्सिलिएशन) के लिए अधिक नकदी के विभिन्न मामले अपने लाभ-हानि लेखे में अंतरित नहीं करने चाहिए। आरआरबी को सूचित किया जाता है कि समाधान के लंबित रहने अथवा ग्राहकों द्वारा किए गए दावों का मिलान किए जाने तक ऐसे एटीएम संबंधित नकदी शेष 'अदावी शेष' होते हैं और इन्हें लाभ-हानि लेखा में अंतरित नहीं किया जाना चाहिए। 6. साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को सूचित किया जाता है कि वे हर वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आम जनता की सूचना के लिए शिकायतों का विस्तृत विवरण और उसका विश्लेषण अपनी वेबसाइट पर डालें। भवदीय (ए. उदगाता) |