वर्ष 2008-09 की वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए शाखा लाइसेंसीकरण को और उदार बनाना - नई शाखाएं खोलने के लिए शर्तों का अनुपालन - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2008-09 की वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए शाखा लाइसेंसीकरण को और उदार बनाना - नई शाखाएं खोलने के लिए शर्तों का अनुपालन
आरबीआइ/2008-2009/285 17 नवंबर 2008 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय, वर्ष 2008-09 की वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा - शाखा लाइसेंसीकरण - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक पर 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र उपर्युक्त विषय पर वर्ष 2008-09 की 24 अक्तूबर 2008 की वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा के पैरा 162 (उद्धरण की प्रति संलग्न) में की गई घोषणा के अनुसरण में यह निर्णय किया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को, जब तक कि वे लाभ अर्जित करते हैं और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होता रहता है, नई शाखाएं खोलने की अनुमति दी जाए। तदनुसार, हमारे दिनांक 1 जुलाई 2008 के मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. सं. बीएल.बीसी. 07/03.05.90-ए/2008-09 (आरबीआई 2008-09/36) के पैरा 1.2 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए नई शाखाएं खोलने संबंधी शर्तों को संशोधित किया गया है। नई शाखाएं खोलने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को निम्नलिखित शर्ते पूरी करनी होंगी : भवदीय (जी.श्रीनिवासन) 24 अक्तूबर 2008 को वर्ष 2008-09 की वार्षिक नीति * (ञ ) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) (i) शाखा लाइसेंसीकरण को और उदार बनाना 162. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के शाखा लाइसेंसीकरण कार्यक्रम को और अभिप्रेरित करने के लिए वर्तमान शाखा लाइसेंसीकरण मानदंड को और उदार बनाया गया है। तदनुसार, यह प्रस्तावित है कि : * नई शाखाएं खोलने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को व्यापक लचीलेपन की अनुमति दे सकते हैं जिससे वे परिचालनगत लाभ कमा सकते हैं और उनकी वित्तीय स्थिति सुधर सकती है। उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 0000/03.05.90-ए/2008-09 प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित :
2.ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुख। अधिकार प्राप्त समिति चूकों (डिफाल्ट) के छिटपुट मामलों, जैसेकि किसी वर्ष में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के नियंत्रण से बाहर के कारकों की वजह से दो से अनधिक अवसरों पर हुई चूकों के मामलों पर भी विचार कर सकती है। किन्ही विशिष्ट मामलों में यदि दिशानिर्देशों में कोई विचलन आवश्यक समझा जाता हो तो , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अध्ंाकिार प्राप्त समिति ऐसे मामलों को केद्रीय कार्यालय को भेजे। 3. मुख्य महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, प्रधान कार्यालय, आइडीडी, प्लॉट नं. 24, "जी" पोस्ट बॉक्स सं. 8121, बांद्रा-कुर्ला काम्म्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व), मुंबई 400 051 । (सी.के.शाह) |