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वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए शाखा लाइसेंसीकरण नीति को उदार एवं आसान बनाना और उनके द्वारा सीमित प्राधिकृत व्यापारियों के रुप में विदेशी मुद्रा का का

भारिबैं / 2005-06 / 409
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं. बीएल.बीसी. 90/03.05.90ए/2005-06

13 जून 2006

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक / प्रायोजक बैंक

महोदय,

वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए शाखा लाइसेंसीकरण नीति को उदार एवं आसान बनाना और उनके द्वारा सीमित प्राधिकृत व्यापारियों के रुप में विदेशी मुद्रा का कारोबार करना

कृपया दिनांक 18 अप्रैल 2006 को घोषित वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैराग्राफ 151 के संदर्भ में देखें ।

2. वर्तमान में, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे शाखाएँ खोलने, स्थान परिवर्तन करने अथवा विलयन हेतु अपने आवेदन पत्र निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करें (देखें 15 जुलाई 2005 का हमारा मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि. केका.आरआरबी.सं. बीएल.बीसी. 19/03.05.90ए/2005-06 ) ।

3. प्रक्रिया को उदार और आसान बनाने के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों में गठित प्राधिकृत समितियाँ (ईसी) ऐसे आवेदन पत्रों पर विचार विमर्श करके अपनी सिफारिश देंगी । रिज़र्व बेंक इन प्राधिकृत समितियों की सिफारिश के आधार पर ऐसे आवेदन पत्रों का त्वरित निपटान करेगा । तदनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अब से ऐसे आवेदनपत्र नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजते हुए उसकी अग्रिम प्रति रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें ।

4. प्रायोजक बैंक से अलग से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है । साथ ही, शाखाएँ खोलने के लिए भी डीसीसी के उप-समूह से अनुमोदन की आवश्यकता भी नहीं है । तथापि, शाखाओं के स्थानपरिवर्तन / विलयन के मामले में, पहले के समान ही, डीसीसी के उप-समूह से अनुमोदन आवश्यक होगा ।

5. इसी प्रकार , क्षेत्रीय गा्रमीण बैंकों से चालू खाते लेनदेनों के लिए सीमित प्राधिकृत व्यापारियों के रुप में विदेशी मुद्रा कारोबार करने के अनुरोधों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत समिति की मंजूरी के बाद विचार किया जाएगा । अत: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ऐसे प्रस्ताव हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजें ।

6. कृपया इसकी प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें ।

भवदीय

( सी.एस.मूर्ति )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


वार्षिक नीति वक्तव्य का पैराग्राफ 151 का उध्दरण

"वर्तमान में, प्रायोजक बैंक द्वारा विधिवत संस्तुत तथा नाबार्ड के माध्यम से उनसे प्राप्त अनुरोधों के आधार पर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा शाखा खोलने का प्राधिकार रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है । शाखा लाइसेंसीकरण को उदार एवं आसान बनाने की दृष्टि से यह प्रस्ताव है कि :

  • प्राधिकृत समितियों से स्वीकृति मिलने के बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कार्यालय खोलने / स्थान - परिवर्तन की अनुमति दी जाए । इसी प्रकार से, सीमित प्राधिकृत व्यापारी (चालू खाता लेनदेन) के रुप में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के अनुरोध को प्राधिकृत समितियों की स्वीकृति के बाद अनुमोदित किया जाएगा । "
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