सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने के प्रयोजन के लिए निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) की गणना - आरबीआई - Reserve Bank of India
सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने के प्रयोजन के लिए निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) की गणना
आरबीआई/2009-10/289 18 जनवरी 2010 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रिय महोदय सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने के प्रयोजन यह देखा गया है कि घनप्रेषण सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्रतिनिधि बैंकें (मुख्यत: प्रायोजक बैंकों) के साथ की गई व्यवस्था के संबंध में देयताओं की गणना करने के बारे में एक समान पध्दति नहीं अपना रहे हैं । इस व्यवस्था के अंतर्गत प्राप्तकर्ता बैंक द्वारा अपने प्रतिनिधि बैंक को निधि का अंतरण किया जाता है तथा प्रतिनिधि बैंक का यह दायित्व होता है कि वह लिखत को सकारे । तथापि, निधियों का ऐसा अंतरण तथा प्रतिनिधि बैंक द्वारा लिखत को सकारने का दायित्व प्राप्तकर्ता बैंक को अपने ग्राहकों को ड्राफ्ट और ब्याज/लाभांश वारट जारी करने के प्राथमिक दायित्व से किसी भी तरह मुक्त नहीं करता है । अत: यह सूचित किया जाता है कि सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक देयताओं की निम्नानुसार गणना करें ।
2. कृपया प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें । भवदीय (ए.के.पांडेय) |