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बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में प्रमुखता से (फ्रंटलोडिंग) शाखाएं

भारिबैं / 2013-14/175
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 18 /03.05.33/2013-14

7 अगस्त 2013

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदया / महोदय

बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में प्रमुखता से (फ्रंटलोडिंग) शाखाएं

कृपया उपर्युक्त विषय पर मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 का पैराग्राफ 96 (उद्धरण संलग्न) देखें। जैसा कि उसमें कहा गया है, वित्तीय समावेशन का लक्ष्य प्राप्त करने में आने वाली विसंगतियों का समाधान करने के लिए ग्रामीण केन्द्रों में शाखा विस्तार आवश्यक है।

2. बैंकिंग की पैठ बढ़ाने तथा तेजी से वित्तीय समावेशन करने के उद्देश्य से दिनांक 06 नवंबर 2012  के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 43 /03.05.90/2012-13  द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि उन्हें किसी वर्ष के दौरान खोलने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं में से कम-से-कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्रों में आबंटित करनी चाहिए। बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्र का तात्पर्य ऐसा ग्रामीण (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्र है जहाँ ग्राहक आधारित बैंकिंग लेनदेनों के लिए किसी अनुसूचित वाणिज्य बैंक की कोई इमारत नहीं है।

3. वित्तीय समावेशन को सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने के अगले चरण में ले जाने तथा इलेक्ट्रानिक लाभ अंतरण (ईबीटी) को सुविधाजनक बनाने के लिए, बैंकों को सूचित किया गया है कि वे 2013-16 की अवधि के लिए अगली वित्तीय समावेशन योजना (एफ़आईपी) तैयार कर लें। भारत सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) / इलेक्ट्रोनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) योजना का सुगम कार्यान्वयन सुनिश्चित करने हेतु बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केन्द्रों में और तेजी से शाखा विस्तार के लिए, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केन्द्रों में शाखाएँ खोलने के लिए 3 वर्ष के लक्ष्य को  शुरू में ही पूरा करने (प्राथमिकता देने) के बारे में विचार कर सकते हैं जो उनकी वित्तीय समावेशन योजना (2013-16) के समान अवधि में ही होगी। वर्ष के दौरान खोले जाने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं में से कम-से-कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्रों में आबंटित करने की आवश्यकता जारी रहेगी। बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में किसी  वर्ष में अपेक्षित 25 प्रतिशत से अधिक खोली गई शाखाओं के लिए क्रेडिट दिया जाएगा और उसे अगले एफ़आईपी के वर्ष में हासिल किए जाने वाले मानदंड के लिए आगे ले जाया जाएगा।

4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इसकी प्राप्ति सूचना दें।

भवदीय

(ए.उदगाता)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

अनु :यथोक्त


मौद्रिक नीति वक्तव्य 2013-14 से उद्धरण

वार्षिक शाखा विस्तार योजना
96. वर्तमान में अपनी वार्षिक शाखा विस्तार योजना (एबीईपी) तैयार करते समय देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को वर्ष के दौरान खोले जाने को प्रस्तावित शाखाओं की कुल संख्या का कम से कम 25 प्रतिशत, बैंक रहित ग्रामीण (टियर 5 और टियर 6) केंद्रों के लिए, आबंटित करना होता है। वित्तीय समावेशन हासिल करने की दिशा में वर्तमान विषमताओं को दूर करने के लिए ग्रामीण इलाकों में शाखा विस्तार आवश्यक है।  भारत सरकार की डीबीटी योजना के सुगम कार्यान्वयन के उद्देश्य से बैंक रहित ग्रामीण इलाकों में शाखा विस्तार में तेजी लाने के लिए, बैंकों को सूचित किया जाता है कि :

  • वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के सम-आवधिक तीन वर्षीय चक्र में बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखा खोलने का कार्य शुरू में ही पूरा कर लें। बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में एक वर्ष में 25 प्रतिशत से अधिक शाखाएं खोलने पर क्रेडिट मिलेगा जिसे वित्तीय समावेशन योजना (एफआईपी) के आगामी वर्षों में हिसाब में लिया जाएगा।

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