शाखा लाइसेंसीकरण नीति – बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
शाखा लाइसेंसीकरण नीति – बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना
आरबीआई / 2012-13/283 6 नवंबर 2012 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय शाखा लाइसेंसीकरण नीति – बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ग्रामीण ऋण का अभिन्न अंग है और इसके द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विकास में अधिकाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आशा की जाती है। फिलहाल, हमारे 1 अगस्त 2012 के परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी. बीएल. बीसी. सं. 19/03.05.90/2011-12 और 18 नवंबर 2010 के परिपत्र ग्राआऋवि. केंका.आरआरबी. बीसी. सं. 28/03.05.90-ए/2011-12 में निर्धारित शर्तों का पालन करनेवाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को टीयर 2 से टीयर 6 तक के केंद्रों (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 99,999 तक की आबादीवाले) में रिपोर्टिंग करने की शर्त पर हर मामले में पूर्व अनुमति लिए बिना शाखाएं खोलने की अनुमति है। तथापि, टीयर 2 केंद्रों (1,00,000 और उससे अधिक की आबादीवाले) में शाखाएं खोलने के लिए रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति आवश्यक है। 2. बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलने में तेज़ी लाने की आवश्यकता है ताकि बैंकिंग में लोगों के बढ़ते प्रवेश और वित्तीय समावेशन के उद्देश्य को तेजी से पूरा किया जा सके। यह भी काफी महत्वपूर्ण है कि कारोबारी प्रतिनिधियों का उपयोग करने के अलावा अधिक संख्या में बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों में ईमारती शाखाएं खोलते हुए सभी गांवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य को पूरा किया जाए। 3. अत: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे वर्ष के दौरान खोले जाने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं का 25 प्रतिशत बैंक रहित ग्रामीण केंद्रों (टीयर 5 से टीयर 6 तक के) को आवंटित करें। बैंक रहित ग्रामीण केंद्र से आशय है एक ऐसा ग्रामीण (टीयर 5 और टीयर 6) केंद्र जिसके पास ग्राहक आधारित बैंकिंग लेनेदेन करने के लिए किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक का कोई ईमारती स्थान नहीं है। 4. कृपया इस पत्र की प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को दें। भवदीय (सी.डी. श्रीनिवासन) |