बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – शाखा लाइसेंस नीति में छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – शाखा लाइसेंस नीति में छूट
आरबीआई /2010 -11/283 18 नवंबर 2010 अध्यक्ष महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 – शाखा लाइसेंस नीति में छूट वर्ष 2010-11 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही की समीक्षा के पैरा 80 (अनुबंध I में सारांश संलग्न) की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए मौजूदा शाखा लाइसेंस नीति को उदार बनाने के प्रस्ताव के संबंध में है । 2. तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में (2001 की जनगणना के अनुसार 49,999 की जनसंख्या तक – केंद्रों का टियरवार वर्गीकरण अनुबंध II में प्रस्तुत है ) भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रत्येक मामले में अनुमति लेने की आवश्यकता के बिना और इसकी रिपोर्टिंग की शर्त के अधीन, शाखाएं खोलने की अनुमति प्रदान करता है। परंतु शर्त यह है कि अद्यतन निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार वे निम्नलिखित अपेक्षाएं पूरी करते हों : i) उनकी जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में उनकी पूँजी का अनुपात (सीआरएआर) न्यूनतम 9% हो ; 3. अन्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पहले की भाँति भारतीय रिज़र्व बैंक / नाबार्ड से संपर्क करते रहना चाहिए । चूँकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 30 सितंबर 2011 तक पूर्ण रूप से कोर बैंकिंग समाधान की सुविधाओं से सम्पन्न हो जाना चाहिए इसलिए उस तारीख के बाद उक्त छूट केवल ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को ही उपलब्ध होगी। 4. 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 8/ 03.05.90-ए/2010-11 में निहित अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय ( बी.पी.विजयेंद्र ) अनुलग्नक : यथोक्त (2 पन्ने) जनसंख्या के आधार पर केंद्रों का टियर-वार वर्गीकरण
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