प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों /वाणिज्य बैंकों द्वारा निधियां प्रदान करना
आरबीआइ/2007-08/209
ग्राआऋवि.केंका.प्लान.बी.सी.42/04.09.01.2007-08
12 दिसंबर 2007
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)
प्रिय महोदय
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों /वाणिज्य बैंकों द्वारा निधियां प्रदान करना
कृपया प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार पर दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. प्लान.बीसी. 5 /04.09.01/2007-08 देखें। कृषि क्षेत्र को आगे उधार देने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को ऋण देने हेतु वाणिज्य बैंकों/प्रायोजक बैंकों को प्रोत्साहन देने के मुद्दे की हमने जांच की है और यह निर्णय किया है कि कृषि और संबद्ध कार्यकलाप क्षेत्र को आगे उधार देने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वाणिज्य बैंकों/प्रायोजक बैंकों द्वारा दिए गए सभी ऋणों को वाणिज्य बैंकों/ प्रायोजक बैंकों की बहियों में कृषि क्षेत्र को प्रत्यक्ष ऋण के रूप में वर्गीकृत किया जाए। इसके फलस्वरूप, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वाणिज्य बैंकों/प्रायोजक बैंकों से लिए गए ऋण की निधियों में से दिए गए उधार को अपने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अग्रिम के एक भाग के रूप में वर्गीकृत नहीं करेंगे। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार के अंतर्गत उपलब्धि के स्तर की गणना के प्रयोजन के लिए ऐसे उधार को अपने बैंक ऋण के एक भाग के रूप में भी शामिल नहीं करेंगे।
2. वाणिज्य बैंक ऐसे ऋणों को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अग्रिम पर अर्ध वार्षिक (तदर्थ) ड1(vi) के अंतर्गत) और वार्षिक (अंतिम) ड12(ए) के अंतर्गत विवरणी में ‘‘कृषि क्षेत्र को आगे उधार देने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को दिए गए ऋण ’’ शीर्ष के अंतर्गत अलग से सूचित करें।
3. आप उचित कार्रवाई करने के लिए अपने नियंत्रक कार्यालयें/शाखाओं को आवश्यक अनुदेश जारी करें।
4. कृपया प्राप्त सूचान दें (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक प्राप्ति सूचान हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें)।
भवदीय
(सी.एस.मूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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