भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
आरबीआइ / 2007-08 / 175
ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.बीसी.35 / 03.05.28(बी) / 2007-08
31 अक्तूबर 2007
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) -आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 अगस्त 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरबीआइ.बीसी. 17/03.05.28(बी)/2007-08(आरबीआइ/2007-08/109) देखें। वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि 10 नवम्बर 2007 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 50 आधार बिंदुओं से बढ़ाकर उनकी मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत किया जाए।
2. इससे संबंधित 31 अक्तूबर 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.आरआरबी.केंका.सं.4555 /03.05.28(बी)/2007-08 की प्रति संलग्न है।
3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें ।
भवदीया
( सुरेखा मरांडी )
महाप्रबंधक
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 4555/03.05.28(बी) / 2007-08 31 अक्तूबर 2007
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 1 अगस्त 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 16 /03.05.28(बी)/2007-08 के आंशिक आशोधन में, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा अधिसूचित करता है कि प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को चाहिए कि वह 10 नवम्बर 2007 से प्रारंभ होनेवाले पखवाड़े से अपनी कुल मांग और मीयादी देयताओं के 7.50 प्रतिशत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर ) बनाए रखे।
(वी.एस.दास)
कार्यपालक निदेशक