बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआइ/2007-08/237
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी. सं.47/03.05.28(बी)/2007-08
14 फरवरी , 2008
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
कृपया उपर्युक्त विषय पर 21 अक्तूबर 1997 का हमारा परिपत्र बैपविवि.सं.बीसी.137 /12.02.001 / 97-98 देखें।
बैंककारी विनियमन (संशोधन) अध्यादेश, 2007 के स्थान पर बैंककारी विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2007 दिनांक 23 जनवरी 2007 से लागू हुआ था। बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 में संशोधन के परिणामस्वरुप सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक दिनांक 14 फरवरी 2008 की हमारी संलग्न अधिसूचना सं.ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं.8483/03.05.28(बी)/2007-08 में यथा उल्लिखित आस्तियों में अपनी समस्त निवल मांग और मीयादी देयताओं पर 25 प्रतिशत का एकसमान सांविधिक चलनिधि अनुपात बनाये रखेंगे।भवदीय
(जी. श्रीनिवासन )
मुख्य महाप्रबंधक
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी. सं.8483/03.05.28(बी)/2007-08
14 फरवरी 2008
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उप धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 21 अक्तूबर 1997 की अधिसूचना बैंपविवि.सं.बीसी.117/11.02.001/97-98 में आंशिक संशोधन करते हुए एतद्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारत में निम्नानुसार आस्तियां रखना जारी रखेंगे जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत से कम नहीं होगा। आस्तियों का मूल्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट की गयी मूल्यांकन विधि के अनुसार लगाया जाएगा।
(क) नकदी, अथवा
(ख) स्वर्ण जिसका मूल्य चालू बाज़ार मूल्य से अधिक कीमत पर नहीं होगा, अथवा
(ग) निम्नलिखित लिखतों में भाररहित निवेश जिन्हें " सांविधिक चलनिधि अनुपात प्रतिभूतियाँ " कहा जाएगा।
(i)अनुबंध में दी गयी सूचना के अनुसार दिनांकित प्रतिभूतियां।
(ii)भारत सरकार द्वारा जारी किये गये और भविष्य में जारी किये जानेवाले सभी खज़ाना बिल।
(iii)बाज़ार उधार कार्यक्रम तथा संबंधित अधिसूचना में शामिल सांविधिक चलनिधि अनुपात स्तरों सहित बाज़ार स्थिरीकरण योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा भविष्य में जारी की जानेवाली दिनांकित प्रतिभूतियां।
(iv)संबंधित अधिसूचना में शामिल सांविधिक चलनिधि अनुपात स्तरों सहित अपने बाज़ार उधार कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य सरकारों द्वारा भविष्य में जारी किये जानेवाले राज्य विकास ऋण।
(v)सांविधिक चलनिधि अनुपात स्तर के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भविष्य में अधिसूचित किए जानेवाले कोई अन्य लिखत।
स्पष्टीकरण : किसी बैंकिंग कंपनी के " भाररहित निवेश " में अग्रिम अथवा किसी अन्य ऋण व्यवस्था के लिए किसी अन्य संस्था के पास रखी गयी उपर्युक्त प्रतिभूतियों में निवेश उस सीमा तक शामिल होगा जिस सीमा तक उन प्रतिभूतियों के बदले कोई आहरण न किया गया हो।
उपर्युक्त प्रयोजन के लिए राशि की गणना हेतु निम्नलिखित को भारत में रखी गयी नकदी के रु प में माना जाएगा:
(i)भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम,1934 (1934 का 2) की धारा 42 के अंतर्गत किसी अनुसूचात बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के पास रखे जाने के लिए अपेक्षित शेष से रखा गया अधिक शेष ;
(ii)भारत में अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के पास चालू खातों में निवल शेष।
(वी.एस. दास)
कार्यपालक निदेशव