क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाएँ खोलना, स्थानांतरण, विलयन तथा संपरिवर्तन - सेवा क्षेत्र बाध्यताओं की समाप्ति - आरबीआई - Reserve Bank of India
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाएँ खोलना, स्थानांतरण, विलयन तथा संपरिवर्तन - सेवा क्षेत्र बाध्यताओं की समाप्ति
आरबीआइ / 2007-08 / 144
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं.बीसी. 25/03.05.90-ए/2007-08
21 सितंबर 2007
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाएँ खोलना, स्थानांतरण, विलयन तथा संपरिवर्तन - सेवा क्षेत्र बाध्यताओं की समाप्ति
कृपया दिनांक 2 जुलाई 2007 के हमारे मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं.बीएल.बीसी. 09/03.05.90-ए/ 2007-08 के पैराग्राफ 3.1, 3.2, 9 और 10 देखें। चूंकि सेवा क्षेत्र दृष्टिकोण के प्रतिबंधित प्रावधान समाप्त हो गए हैं इसलिए यह निर्णय किया गया है कि उपर्युक्त पैराग्राफों को निम्नानुसार संशोधित किया जाए -
3.1 ग्रामीण केद्रों में शाखाओं का स्थानांतरण
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बिना क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक स्वयं ग्रामीण केद्रों में शाखाओं का स्थानांतरण कर सकते हैं बशर्तें मौजूदा तथा प्रस्तावित दोनों केद्र एक ही ब्लॉक के भीतर हों तथा पुनर्स्थापित शाखा गांवों की बैंकिंग आवश्यकताओं को पर्याप्त रुप से पूरा कर सकती हो जैसे मौजूदा शाखा कर रही है।
3.2 अर्ध-शहरी केद्रों में
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना अर्ध-शहरी केद्रों में अपनी शाखाओं को उसी इलाके / नगरपालिका वार्ड के भीतर स्थानांतरित कर सकते हैं। तथापि, यह सुनिश्चित किया जाए कि शाखा / शाखाओं के स्थानांतरण से स्थान / वार्ड बैंक रहित न हो जाएं।
9. हानि वाली शाखाओं का विलयन
जहां किसी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की हानि वाली दो शाखाएं एक दूसरे के सान्निध्य में हो (अर्थात् लगभग 5 कि.मी. की दूरी पर हों), वहां स्थानिक विस्तार को युक्तियुक्त बनाने और स्थापना / परिचालन लागत को कम करने के उद्देश्य से वे दोनों शाखाओं के विलयन पर विचार कर सकते हैं ।
10. हटा दिया गया ।
भवदीय
( सी.एस.मूर्ति )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक