मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 – परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) के अंतर्गत एसएलआर की धारिता - आरबीआई - Reserve Bank of India
मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 – परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) के अंतर्गत एसएलआर की धारिता
भारिबैं/2014-15/168 07 अगस्त 2014 सभी क्षेत्रीय ग्रामीणबैंक महोदय, मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 – परिपक्वता तक कृपया 5 अगस्त 2014 को घोषित तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 (सारांश संलग्न) का पैरा 11 देखें जो बैंक की कुल धारित के संबंध में परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी में सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) प्रतिभूतियों की धारिता से संबंधित है। 2.`वर्गीकरण, मूल्यन और प्रावधानीकरण के लिए दिशानिर्देश' पर दिनांक 07 जनवरी 2014 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 74/03.05.33/2013-14 के पैरा 1.2 के अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेशों के 25.00 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश करने की अनुमति दी गई थी बशर्ते अधिक (एक्सेस) निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो और एचटीएम श्रेणी में धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी निवल मांग और मीयादी देयता (एनडीटीएल) के 24.50 प्रतिशत से अधिक न हो। 3. एसएलआर में समायोजित कमी के अनुरूप और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्तीय बाजारों में अधिकाधिक भाग लेने में सक्षम करने के लिए एचटीएम श्रेणी में एसएलआर धारिता की उपर्युक्त सीमा 9 अगस्त 2014 से शुरू होने वाले पखवाड़े से एनडीटीएल के 24 प्रतिशत तक कम की जा रही है। तदनुसार यह सूचित किया जाता है कि 9 अगस्त 2014 से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेशों के 25 प्रतिशत की सीमा से अधिक निवेश करने की अनुमति है बशर्ते अधिक (एक्सेस) निवेश केवल एसएलआर प्रतिभूतियों में हो और एचटीएम श्रेणी में धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनके एनडीटीएल के 24.00 प्रतिशत से अधिक न हो। 4. चालू अनुदेशों के अनुसार बैंक, निदेशक मंडल के अनुमोदन से वर्ष में एक बार एचटीएम श्रेणी में/से निवेश अंतरित कर सकेंगे और ऐसे अंतरण हेतु सामान्यतया लेखा वर्ष के प्रारंभ में अनुमति दी जाएगी। बैंकों को अपनी अधिक (एक्सेस) एसएलआर प्रतिभूतियां उपर्युक्त पैरा 3 में उल्लिखित अनुदेशों का पालन करते हुए एचटीएम श्रेणी से बिक्री के लिए उपलब्ध (एएफएस)/ ट्रेडिंग के लिए धारित (एचएफटी) श्रेणी में अंतरित करने में सक्षम करने की दृष्टि से यह निर्णय किया गया है कि ऐसे और एक अंतरण के लिए 9 अगस्त 2014 तक अनुमति दी जाए। भवदीय (ए. उदगाता) डॉ. रघुराम जी. राजन, गवर्नर द्वारा 5 अगस्त 2014 को घोषित मौद्रिक चलनिधि उपाय 11. सांविधिक चलनिधि अनुपात में समायोजित कमी के अनुरूप यह आवश्यक है कि मुद्रा और ऋण बाजारों में चलनिधि में वृद्धि की जाए ताकि वित्तीय मध्यस्थ विस्तार वृद्धिशील अर्थव्यवस्था के साथ बढ़ सके। वर्तमान में बैंकों को परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश के 25 प्रतिशत तक की सीमा पार करने की अनुमति है बशर्ते कि अधिशेष में केवल एसएलआर प्रतिभूतियां ही हों और एचटीएम श्रेणी में बैंक की कुल एसएलआर प्रतिभूतियों की धारिता दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं के 24.5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। वित्तीय बाजार में बैंकों की अधिक सहभागिता के लिए यह सीमा 9 अगस्त 2014 से शुरू होने वाले पखवाड़े से निवल मांग और समय देयताओं के 24 प्रतिशत तक कम की जा रही है। |