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निवेशों के वर्गीकरण और मूल्यन के लिए दिशानिर्देश

भारिबै/2013-14/434
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.बीसी.सं. 74/03.05.33/2013-14

07 जनवरी 2014

अध्यक्ष
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदय / महोदया,

निवेशों के वर्गीकरण और मूल्यन के लिए दिशानिर्देश

कृपया आप 11 अप्रैल 2011 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.बीसी.सं. 59/03.05.34/2010-11 देखें जिसके अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एसएलआर प्रतिभूतियों में उनके समग्र निवेश के संबंध में "बाजार मूल्य पर अंकित करने" (मार्क टू मार्केट) के मानदंड से वित्तीय वर्ष 2012-13 तक छूट दी गयी थी। अब यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एसएलआर प्रतिभूतियों के समग्र संविभाग में मार्क टू मार्केट मानदंडों से दी गयी छूट रद्द की जाए। तदनुसार, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे 1 अप्रैल 2014 से एसएलआर प्रतिभूतियों के संबंध में मार्क टू मार्केट मानदंड लागू करें।

2. निवेशों के वर्गीकरण और मूल्यन संबंधी संशोधित दिशानिर्देश अनुबंध में दिये गये हैं। संशोधित दिशानिर्देशों की मुख्य-मुख्य बातें निम्नानुसार हैं :

  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से अपेक्षित है कि वे 1 अप्रैल 2014 के अपने समग्र निवेश संविभाग को तीन श्रेणियों अर्थात् "परिपक्वता तक धारित", "बिक्री के लिए उपलब्ध"और "ट्रेडिंग के लिए धारित" के अंतर्गत वर्गीकृत करें।

  • तुलन-पत्र में निवेशों का प्रकटन वर्तमान पांच वर्गीकरणों अर्थात् i) सरकारी प्रतिभूतियां ii) अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियां iii) शेयर iv) डिबेंचर और बांड v) अन्य (म्युच्युअल फंड यूनिट, आदि) में करना जारी रहेगा।

  • "परिपक्वता तक धारित" के अंतर्गत समाविष्ट निवेश बैंक के कुल निवेशों के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होने चाहिए। यह सीमा अधिक (एक्सेस) निवेश एसएलआर प्रतिभूतियों का होने पर और परिपक्वता तक धारित श्रेणी में धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी मांग और मीयादी देयताओं (डीटीएल) के 24.5 प्रतिशत से अधिक न होने पर ही बढ़ाई जा सकती है।

  • बिक्री के लिए उपलब्ध और ट्रेडिंग के लिए धारित श्रेणियों के अंतर्गत निवेश अनुबंध में उल्लेख किये गये अनुसार आवधिक रूप से बाजार मूल्य पर अंकित होने चाहिए।

  • "परिपक्वता तक धारित" श्रेणी के अंतर्गत निवेश बाजार मूल्य पर अंकित होना जरूरी नहीं है जैसा कि वर्तमान में 'स्थायी' प्रतिभूतियों के संबंध में किया जाता है।

  • निवेशों का वर्गीकरण, निवेशों का तीन श्रेणियों के बीच शिफ्टिंग, निवेशों का मूल्यन, निवेशों की बिक्री पर लाभ / हानि बुक करने की पद्धति और मूल्यह्रास के लिए प्रावधान अनुबंध में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार होना चाहिए।

  • विभिन्न प्रतिभूतियों का वर्तमान में निर्धारित जोखिम-भार अपरिवर्तित बना रहेगा।

2.1 वर्तमान निवेशों का तीन श्रेणियों में वर्गीकरण संबंधित प्रतिभूतियों के 1 अप्रैल 2014 के अंकित मूल्य पर किया जाए। ‘ट्रेडिंग के लिए धारित’ और ‘बिक्री के लिए उपलब्ध’ श्रेणियों के अंतर्गत समाविष्ट प्रतिभूतियों का बाद में किया जानेवाला मूल्यन संशोधित दिशानिर्देशों में विनिर्दिष्ट प्रकार से किया जाए। ट्रेडिंग के लिए धारित और बिक्री के लिए उपलब्ध श्रेणियों के अंतर्गत प्रतिभूतियों के लिए ऐसा पहला पुनर्मूल्यन 1 अप्रैल 2014 की स्थिति के अनुसार किया जाए।

2.2 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को चाहिये कि वे संशोधित दिशानिर्देशों के अंतर्गत निवेशों के वर्गीकरण, शिफ्टिंग और मूल्यन संबंधी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से एक निवेश नीति निर्धारित करें। इसके अलावा, यह नीति जोखिम – प्रबंधन पहलुओं का पर्याप्त रूप से समाधान करने की सक्षम हो। उक्त नीति से यह सुनिश्चित हो कि संशोधित दिशानिर्देशों के अंतर्गत बैंकों द्वारा अपनायी जानेवाली क्रियाविधियां निरंतर, पारदर्शी और यथोचित रूप से प्रलेखीकृत हैं ताकि निरीक्षकों एवं सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा सहज सत्यापन किया जा सके।

3. कृपया संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इसकी प्राप्ति-सूचना दें।

भवदीय

(ए. उदगाता)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

अनुबंध : यथोक्त

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