बैंकों में ग्राहक सेवा पर दामोदरन समिति की संस्तुतियां – इंटरसोल प्रभारों में एकरूपता - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों में ग्राहक सेवा पर दामोदरन समिति की संस्तुतियां – इंटरसोल प्रभारों में एकरूपता
आरबीआई / 2013-14/166 31 जुलाई 2013 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय/महोदया बैंकों में ग्राहक सेवा पर दामोदरन समिति की संस्तुतियां – कृपया 3 मई 2013 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य में "इंटरसोल प्रभारों में एकरूपता पर दामोदरन समिति की संस्तुतियों" के संबंध में की गई घोषणा का संदर्भ लें। 2. कोर बैंकिंग सोल्यूशन (सीबीएस) की शुरुआत के साथ ही यह अपेक्षा की जाती है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों के साथ किसी भी विक्रय स्थान या सेवा प्रदान करने के स्थान पर समान रूप से बर्ताव किया जाएगा। तथापि, यह पाया गया है कि कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एक शाखा को ‘गृह’ अथवा ‘मूल’ शाखा (होम ब्रांच) का नाम देकर, जहां उत्पादों /सेवाओं के लिए प्रभार नहीं लगाए जाते हैं, और उसी बैंक की अन्य शाखाओं को 'गैर -गृह शाखाओं ' (नॉन–होम ब्रांचेज़ ) का नाम देकर , उन्हीं उत्पादों /सेवाओं के लिए प्रभार लगाए जाते हैं, अपने ही ग्राहकों के साथ भेद -भाव कर रहे हैं। आम तौर पर ‘इंटरसोल’ प्रभारों के रूप में संबोधित किये जाने वाले ये प्रभार विभिन्न गृह /गैर-गृह शाखाओं के बीच भी समान रूप से नहीं लगाए जा रहे हैं। चूंकि इंटरसोल प्रभार बैंक द्वारा सीबीएस प्लेटफॉर्म के प्रयोग द्वारा ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने की लागत को कवर करने संबंधी प्रभार हैं, अतः सिद्धांततः यह लागत शाखा /ग्राहक विचार से परे होनी चाहिए। यह स्पष्ट किया जाता है कि कैश हैंडलिंग प्रभारों को इंटरसोल प्रभारों के अंतर्गत शामिल न किया जाए। 3. यह सुनिश्चित करने के लिए कि सीबीएस माहौल में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की सभी शाखाओं / सेवा प्रदाता स्थानों में बिना किसी भेदभाव के और पारदर्शिता -पूर्ण तरीके से स्वच्छ और औचित्यपूर्ण बर्ताव किया जाता है, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे समान, स्वच्छ और पारदर्शी मूल्य निर्धारण नीति अपनाएं तथा वे अपनी गृह शाखा और गैर -गृह शाखाओं के ग्राहकों के साथ भेदभाव न बरतें। तदनुसार, यदि गृह शाखा में कोई विशिष्ट सेवा निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है तो वह सुविधा गैर -गृह शाखा में भी निःशुल्क उपलब्ध होनी चाहिए। गृह शाखा और गैर -गृह शाखाओं के ग्राहकों द्वारा किये गये समान लेनदेनों के लिए इंटरसोल प्रभारों से संबंधित कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। भवदीय ( ए . उदगाता) |