भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(1) और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियां – सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(1) और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियां – सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से छूट
आरबीआई/2013-14/190 19 अगस्त 2013 सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(1) और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 – एफसीएनआर (बी)/एनआरई जमाराशियां – सीआरआर/एसएलआर बनाए रखने से छूट वर्तमान में बैंकों से अपेक्षित है कि वे सीआरआर तथा एसएलआर बनाए रखने और निवल मांग एवं मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) की गणना के लिए सभी विदेशी मुद्रा अनिवासी बैंक [एफसीएनआर(बी)] और अनिवासी (बाह्य) रुपया (एनआरई) जमा देयताओं को शामिल करें। 2. बैंकों को सूचित किया जाता है कि 24 अगस्त 2013 को आरंभ होनेवाले पखवाड़े से बैंकों द्वारा 26 जुलाई 2013 की संदर्भ मूल तिथि के साथ जुटाई गई 3 वर्ष तथा उससे अधिक परिपक्वता अवधि वाली वृद्धिशील एफसीएनआर(बी) जमाराशियों तथा एनआरई जमाराशियों को सीआरआर तथा एसएलआर बनाए रखने से छूट प्राप्त रहेगी। विस्तार से कहें तो मान लीजिए कि मूल तिथि को किसी बैंक का कुल एफसीएनआर(बी) जमाराशि आधार 100 अमेरिकी डालर (यूएसडी) था और वह बैंक 20 यूएसडी की वृद्धिशील जमाराशि जुटा लेता है तो 20 यूएसडी का वह हिस्सा जिसकी परिपक्वता अवधि 3 वर्ष या उससे अधिक है, एनडीटीएल का हिस्सा नहीं होगा तथा सीआरआर एवं एसएलआर से छूट प्राप्त करने हेतु पात्र होगा। यही सिद्धांत सीआरआर/एसएलआर अपेक्षाओं से छूट पाने के लिए एनआरई जमाराशियों की गणना करते समय भी लागू होगा। तथापि, अनिवासी (साधारण) (एनआरओ) खातों से एनआरई खातों में किया जाने वाला कोई अंतरण इस प्रकार की छूटों के लिए पात्र नहीं होगा। 3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें। भवदीया (माधवी शर्मा) |