गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान - आरबीआई - Reserve Bank of India
गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान
ž¸¸¢£¤¸ÿ/2008-09/163 12 सितंबर 2008 अध्यक्ष महोदय, गुमशुदा व्यक्तियों के संबंध में दावों का निपटान हाल ही में यह पूछा जा रहा है कि गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावे के निपटान हेतु नामिती/कानूनी वारिसों से प्राप्त दावों पर बैंक किस प्रणाली का अनुसरण करें । 2. गुमशुदा व्यक्तियों के मामले में दावों का निपटान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की धारा 107/108 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। धारा 107 गुमशुदा व्यक्ति के जीवित होने तथा धारा 108 उसकी मृत्यु की परिकल्पना पर आधारित है । भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के अनुसार मृत्यु की परिकल्पना का मामला गुमशुदा व्यक्ति के खोने की सूचना से सात वर्ष बीत जाने के बाद ही उठाया जा सकता है । अत:, नामिती/कानूनी वारिसों को अभिदाता की मृत्यु हो जाने की सुव्यक्त परिकल्पना का मामला किसी सक्षम न्यायालय के समक्ष भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 107/108 के अंतर्गत उठाना होगा । यदि न्यायालय यह मान लेता है कि गुमशुदा व्यक्ति की मृत्यु हो गयी है तब उस आधार पर गुमशुदा व्यक्ति के संबंध में दावे का निपटान किया जा सकता है । 3. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे एक नीति निर्धारित करें जिससे वे कानूनी राय पर विचार कर तथा प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गुमशुदा व्यक्ति के संबंध में दावों का निपटान कर सकें । इसके अलावा, आम आदमी को असुविधा और अनुचित कठिनाई से बचाने के लिए 4. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें — भवदीय
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सी.के.शाह)
उप महाप्रबंधक उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं. 2971/03.05.33/2008-09 प्रतिलिपि सूचना और आवश्यक कार्रवाई हेतु निम्नलिखित को प्रेषित - 1. सभी प्रायोजक बैंक। 2. ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुख — 3. मुख्य महाप्रबंधक, आइडीडी, नाबार्ड, केंद्रीय कार्यालय, प्लॉट सं. 24 "जी", पोस्ट बॉक्स सं. 8121, बीकेसी, बांद्रा (पूर्व), मुंबई ।
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सी.के.शाह) उप महाप्रबंधक |