बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
आरबीआई/2009-10/201 29 अक्तूबर 2009 अध्यक्ष महोदय बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 - सांविधिक कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 3 नवंबर 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. आरआरबी.बीसी.सं.58/03.05.28(बी)/2008-09 देखें। 2. दिनांक 27 अक्तूबर 2009 को जारी मौद्रिक नीति 2009-10 की दूसरी तिमाही की समीक्षा में की गई घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि 7 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बढ़ाकर उनकी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 25 प्रतिशत कर दिया जाए। 3. इससे संबंधित 29 अक्तूबर 2009 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 37/ 03.05.28 (बी) / 2009-10 की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. कृपया प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (आर.सी.षडंगी) अनुलग्नक : यथोक्त ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 37 /03.05.28(बी)/2009-10 29 अक्तूबर 2009 अधिसूचना समय- समय पर यथासंशोधित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 24 की उप -धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 03 नवंबर 2008 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी. सं. 4881/03.05.28(बी)/2008-09 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि 7 नवंबर 2009 को प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 29 अक्तूबर 2009 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. 35 /03.05.28(बी)/2009-10 में यथावर्णित आस्तियां भारत में बनाए रखेगा जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 25 प्रतिशत से कम नहीं होगा। (वी.के. शर्मा) |