अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए) 2002, के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व –ग्राहक समुचित सावधानी उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए) 2002, के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व –ग्राहक समुचित सावधानी उपाय
आरबीआई/2014-15/223 09 सितम्बर 2014 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) / राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंक (एसटीसीबी/सीसीबी) महोदया/महोदय अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएलएमए) 2002, के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व –ग्राहक समुचित सावधानी उपाय कृपया आप 1 जुलाई 2014 के हमारे मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.आरसीबी.एएमएल.बीसी.02/ 07.51.018/2014-15 का पैरा 2 देखें जिसके अनुसार बैंकों से अपेक्षित है कि वे:
2. इस संबंध में प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए तथा पीएमएल नियमावली के उपबंधों के मद्देनजर इस मामले की समीक्षा की गई है। तदनुसार, सूचित किया जाता है कि जहां खाता आधारित संबंध स्थापित करते समय ग्राहक समुचित सावधानी उपाय की आवश्यकता लागू रहेगी और उपर्युक्त पैरा 1(i) से 1(iii) में उल्लिखित प्रकार से निरंतर समुचित सावधानी बरतना जारी रहेगा वही यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त पैरा 1(iv) में उल्लिखित `सकारात्मक पुष्टि' की अपेक्षा समाप्त की जाए। 3. साथ ही, वर्तमान ग्राहकों के संबंध में उच्च/मध्यम/न्यून जोखिमवाले ग्राहकों के लिए क्रमश: दो/आठ/ दस वर्षों के अंतराल पर समुचित सावधानी उपाय लागू करने की अपेक्षा को भी इसके पहले क्या और कब ग्राहक समुचित सावधानी उपाय किए गए इसे ध्यान में रखते हुए तथा प्राप्त डाटा की पर्याप्तता को देखते हुए जारी रखा जाएगा। तथापि, ऐसे आवधिक अद्यतनीकरण के समय ग्राहक की स्वयं की उपस्थिति का आग्रह न किया जाए। 4. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और राज्य/केंद्रीय सहकारी बैंक उपर्युक्त अनुदेशों के परिप्रेक्ष्य में अपनी केवाईसी नीति में संशोधन करें तथा उसका कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। भवदीय (ए.उदगाता) |