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सदस्यों और ग्राहकों के लिए आरटीजीएस सेवा शुल्क – यौक्तिकीकरण

आरबीआई/2015-16/306
डीपीएसएस (सीओ) आरटीजीएस सं.1926/04.04.002/2015-16

4 फ़रवरी 2016

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/
आरटीजीएस के प्रतिभागियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी

महोदया/महोदय,

सदस्यों और ग्राहकों के लिए आरटीजीएस सेवा शुल्क – यौक्तिकीकरण

हमारे दिनांक 5 सितंबर 2011 के परिपत्र डीपीएसएस.(सीओ).आरटीजीएस.सं.388/04.04.002/2011-12 का संदर्भ लें।

2. जैसा कि आरटीजीएस के प्रतिभागियों को विदित है कि, भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी जावक आरटीजीएस लेनदेनों के लिए दिनांक 1 अक्टूबर 2011 से सदस्यों से सेवा शुल्क लेना आरंभ किया है। तब से भारतीय रिजर्व बैंक ने अधिक क्षमता और विशेषताओं के साथ आरटीजीएस प्रणाली का सुधार किया है। सुधारों के साथ परिचालन की समय सीमा में भी वृद्धि हुई है, जिसके चलते परिचालनात्मक कार्यक्षमता में भी वृद्धि हुई है यद्यपि उच्च लागत के साथ। इस प्रकार की सेवाओं के पर्याप्त रूप से मूल्य निर्धारण को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सदस्यों के लिए शुल्क संरचना को संशोधित किया है और उनसे लिए जाने वाले शुल्क को तर्कसंगत बनाया है। सदस्यों के आवक लेनदेनों पर कोई भी सेवा शुल्क नहीं लगेगा और जैसा अभी तक होता आया है, ये नि:शुल्क रहेंगे।

3. आरटीजीएस सेवा शुल्क के रूप में निम्नलिखित अनुसार मासिक सदस्यता शुल्क और प्रत्येक लेनदेन पर प्रोसेसिंग शुल्क शामिल होगा:

(i) मासिक सदस्यता शुल्क: सदस्यता शुल्क में मामूली वृद्धि की गई है और नई संरचना इस प्रकार होगी:

संस्थाओं के प्रकार मासिक सदस्यता शुल्क (सेवा कर को छोड़कर)
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) 5,000
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, प्राथमिक डीलरों, समाशोधन संस्थाओं, अन्य विशेष संस्थाओं इत्यादि से इतर बैंक 2,500

(ii) प्रति लेनदेन प्रोसेसिंग शुल्क: प्रत्येक जावक लेनदेन पर पूर्व की 0.50 (सेवा कर को छोड़कर) की सीमा के अनुसार फ्लैट प्रोसेसिंग शुल्क और समय में अंतर संबंधी शुल्क निम्नानुसार देय होंगे :

क्रम सं. भारतीय रिजर्व बैंक में निपटान के लिए समय प्रत्येक जावक लेनदेन के अनुसार समय अंतराल प्रभार (फ्लैट प्रोसेसिंग चार्ज के अलावा) (सेवा कर को छोड़कर)
से तक
1 8:00 बजे 11:00 बजे शून्य
2 11:00 बजे के बाद 13:00 बजे 2.00
3 13:00 बजे के बाद 16:30 बजे 5.00
4 16:30 बजे के बाद   10.00

4. चूंकि, समय में भिन्नता संबंधी न्यूनतम या अधिकतम प्रभार में कोई परिवर्तन नहीं है, अत: एक सदस्य द्वारा (यदि वह ऐसा चाहे) अपने ग्राहकों से वसूल किया जाने वाला प्रभार निम्नलिखित अनुसार अपरिवर्तित रहेंगे :

आरटीजीएस लेनदेन अधिकतम ग्राहक प्रभार (सेवा कर को छोड़कर)
आवक लेनदेन नि:शुल्क
जावक लेनदेन
2 लाख से 5 लाख 25 + लागू समय अंतराल प्रभार, अधिकतम 30 तक
5 लाख से अधिक 50 + लागू समय अंतराल प्रभार, अधिकतम 55 तक

5. सदस्य कृपया नोट करें कि ग्राहकों से आवक लेनदेन के लिए शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए, जैसा कि अभी तक किया जाता रहा है।

6. भारतीय रिजर्व बैंक प्रत्येक सदस्य से संबन्धित सेवा शुल्क की गणना मासिक आधार पर करेगा और महीने के अंत में जमा लेखा विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, मुंबई में स्थित संबन्धित सदस्य के चालू खाते से राशि को डेबिट कर लिया जाएगा। प्रत्येक सदस्य से एकत्र किए गए सेवा शुल्क संबंधी आवश्यक रिपोर्ट जमा लेखा विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

7. आरटीजीएस सदस्यों के लिए संशोधित सेवा शुल्क 1 अप्रैल, 2016 से प्रभावी होंगे। उपर्युक्त प्रभार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आवधिक समीक्षा के अधीन होंगे।

8. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) के अंतर्गत जारी किया गया है।

भवदीय,

(नंदा एस.दवे)
मुख्य महाप्रबंधक

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