रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें
वापस लिया गया w.e.f. 13/05/2022
आरबीआइ/2008-09/326 16 दिसंबर 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय रुपया निर्यात ऋण ब्याज दरें भारत सरकार ने नीचे दर्शाए गए कुछ रोजगार उन्मुख निर्यात क्षेत्रों के लिए पोतलदान-पूर्व तथा पोतलदानोत्तर रुपया निर्यात ऋण पर 1 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 तक 2 प्रतिशत अंक की ब्याज सहायता प्रदान करने का निश्चय किया है। (i) वस्त्रोद्योग (हथकरघा सहित) (ii) हस्तशिल्प (iii) कालीन (iv) चमड़ा (v) रत्न और आभूषण (vi) सामुद्रिक उत्पाद (vii) छोटे तथा मझोले उद्यम (अनुबंध में यथापरिभाषित) 2. वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक 270 दिनों तक के पोतलदानपूर्व रुपया ऋण तथा 180 दिनों तक के पोतलदानोत्तर रुपया ऋण पर बीपीएलआर से 2.5 प्रतिशत कम तक की ब्याज दर लगाते हैं । बैंक, अब उपर्युक्त उल्लिखित क्षेत्रों को 1 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 तक की अवधि के लिए बकाया राशि पर 270 दिनों तक के पोतलदानपूर्व ऋण तथा 180 दिनों तक के पोतलदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 4.5 प्रतिशत कम तक की ब्याज दर लगाएंगे । तथापि कुल ब्याज सहायता इस शर्त के अधीन होगी कि ब्याज सहायता के बाद ब्याज दर प्राथमिकता क्षेत्र उधार के अंतर्गत कृषि क्षेत्र पर लागू 7 प्रतिशत की दर से नीचे नहीं हो जाए। बैंक यह सुनिश्चित करें कि पात्र निर्यातकों को 2 प्रतिशत ब्याज सहायता का लाभ पूर्णत: प्रदान किया जाता है। 3. इस संबंध में 16 दिसंबर 2008 का निदेश सं. बैंपविवि. डीआइआर (ईएक्सपी) बीसी. सं.100 / 04.02.01/2008-09 संलग्न है । 4. निर्यातकों की अन्य श्रेणियों के संबंध में 15 नवंबर 2008 तथा 28 नवंबर 2008 के परिपत्रों में निहित प्रावधान लागू होना जारी रहेगा। 5. ब्याज सहायता का दावा करने की प्रक्रिया नीचे दी जा रही है :
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक बैंपविवि. डीआइआर.(ईएक्सपी). बीसी.100/04.02.01/2008-09 16 दिसंबर 2008 रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज दरें बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21 और 35 क द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, इस बात से संतुष्ट होते हुए कि ऐसा करना लोकहित में आवश्यक और समीचीन है, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा निदेश देता है कि 1 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 तक नीचे विनिर्दिष्ट निर्यात क्षेत्रों को दिये गये पोतलदान पूर्व विद्यमान दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक 270 दिनों तक के पोतलदानपूर्व ऋण और 180 दिनों तक के पोतलदानोत्तर ऋण पर बीपीएलआर से 2.5 प्रतिशत कम तक की ब्याज दरें लगाते हैं । बैंक अब नीचे दर्शाये गये क्षेत्रों में निर्यातकों को 1दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 की अवधि में 270 दिन तक के पोतलदानपूर्व ऋण तथा 180 दिन तक के पोतलदानोत्तर ऋण की बकाया राशि पर बीपीएलआर से 4.5 प्रतिशत कम तक की ब्याज दर लगाएंगे । (i) वस्त्रोद्योग (हथकरघा सहित) (ii) हस्तशिल्प (iii) कालीन (iv) चमड़ा (v) रत्न और आभूषण (vi) सामुद्रिक उत्पाद, और (vii) छोटे तथा मझोले उद्यम (अनुबंध में यथापरिभाषित) अन्य श्रेणियों के निर्यातकों के संबंध में, 15 नवंबर 2008 तथा 28 नवंबर 2008 के परिपत्र के प्रावधान पहले की तरह लागू रहेंगे । (आनंद सिन्हा) 1 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 की अवधि के लिए रुपया निर्यात ऋण
विशेष सूचना :ब्याज सहायता की राशि को निकटतम रुपए तक पूर्णांकित किया जाए। हम प्रमाणित करते हैं कि हमने 1 दिसंबर 2008 से 31 मार्च 2009 तक की अवधि के दौरान रिज़र्व बैंक के 16 दिसंबर 2008 के परिपत्र सं. बैंपविवि. डीआईआर (ईएक्सपी) बीसी. सं. 101/04.02.01/2008-09 में उल्लिखित पात्र निर्यातकों को रुपया निर्यात ऋण के रूप में बीपीएलआर से 4.5 प्रतिशत कम वार्षिक की दर से उपर्युक्त ऋण संवितरित किये हैं।
छोटे और मझोले उद्यम (एसएमई) की परिभाषा वस्तुओं का उत्पादन या निर्माण, प्रसंस्करण या संरक्षण करने वाले नीचे विनिर्दिष्ट उद्यम i) माइक्रो उद्यम वह उद्यम है जिसका प्लांट और मशीनरी (मूल लागत में से भूमि और भवन तथा लघु उद्योग ii) छोटा उद्यम वह उद्यम है जिसका प्लांट और मशीनरी (मूल लागत में से भूमि और भवन तथा लघु उद्योग iii) मझोला उद्यम वह उद्यम है जिसका प्लांट और मशीनरी (मूल लागत में से भूमि और भवन तथा लघु उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना सं. एसओ 1722 (ई) दिनांक 5 अक्तूबर 2006 द्वारा विनिर्दिष्ट मदों को छोड़कर) में निवेश 5 करोड़ से अधिक लेकिन 10 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। |