देयराशि संग्रहण की योजना (i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (iii) विभागीय मंत्रालय लेखा - मार्च के लेनदेन को सूचित करना एवं लेखा करना – विशेष योजना - वित्तीय वर्ष 2011-2012 - आरबीआई - Reserve Bank of India
देयराशि संग्रहण की योजना (i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (iii) विभागीय मंत्रालय लेखा - मार्च के लेनदेन को सूचित करना एवं लेखा करना – विशेष योजना - वित्तीय वर्ष 2011-2012
भारिबैं/2011-2012/458 19 मार्च 2012 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ महोदय / महोदया, देयराशि संग्रहण की योजना (i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (iii) विभागीय मंत्रालय लेखा - मार्च के लेनदेन को सूचित करना एवं लेखा करना – विशेष योजना - वित्तीय वर्ष 2011-2012 कृपया वित्तीय वर्ष 2010-11 हेतु आपके बैंक के प्राप्तकर्ता / नोडल / फोकल प्वाईंट (Focal Point) शाखाओं द्वारा प्रत्यक्ष करों (सीबीडीटी) एवं अप्रत्यक्ष करों (सीबीईसी) तथा विभागीय मंत्रालयों के लेनदेन को सूचित करने एवं लेखा करने की प्रक्रिया सूचित करनेवाले हमारे दिनांक 3 मार्च 2011 के परिपत्र क्र. सबैंलेवि. जीएडी. क्र. एच - 6002/42.01.029/2010-11 का संदर्भ लें। 2.भारत सरकार ने, वित्तीय वर्ष 2011-12 में मार्च 2012 के बकाया लेनदेन को बंद करने की तारीख 15 अप्रैल 2012 निश्चित करने का निर्णय लिया है। तदनुसार आप संबंधित बहियां 14 अप्रैल 2012 (15 अप्रैल 2012 को रविवार होने के कारण) को बंद कर सकते हैं। 3.वर्ष 2011-12 की आगामी सरकारी लेखाबंदी को ध्यान में रखते हुए, आप कृपया अपनी शाखाओं को पुनश्च निर्देश जारी करें कि मार्च 2012 के दूसरे पखवाड़े से जमा कर्ता शाखाओं में विशेष संदेशवाहक व्यवस्था प्रारंभ करें। जो जमाकर्ता शाखाएं स्थानीय नहीं हैं, वहां पर भी मार्च 2012 के दूसरे पखवाड़े से कुरियर सेवा आदि जैसी विशेष व्यवस्था नोडल / फोकल (focal) बिंदु शाखाओं में चालान / स्क्रॉल भेजने के लिए की जाए ताकि मार्च के अंत तक सरकार के लिए किए गए सभी भुगतान और जमा उसी वित्तीय वर्ष में लेखा किए जा सकें । शाखाओं को यह निर्देश भी दिए जाएं कि 15 मार्च 2012 तक सभी बकाया का निपटान करने हेतु आवश्यक कदम उठाएं । 4. जहाँ तक नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं द्वारा अप्रैल में मार्च 2012 के लेनदेनों की रिपोर्टिंग करने का प्रश्न है, शाखाओं को अनुबंध में दी गई प्रक्रिया का अनुसरण करने को कहा जाए। संक्षेप में, नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं को अप्रैल 2012 के पहले 14 दिनों में मार्च बकाया लेनदेन के लिए एक और अप्रैल लेनदेन के लिए दूसरा अलग-अलग स्क्रॉल बनाने होंगे। नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 31 मार्च 2012 तक जमाकर्ता शाखाओं में किए गए सभी लेनदेन (राजस्व / कर संग्रहण / भुगतान) वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही प्रभावी होने चाहिए और अप्रैल 2012 के लेनदेन के साथ मिलाना नहीं चाहिए । साथ ही मार्च 2012 के लेनदेन को 14 अप्रैल 2012 तक रिपोर्ट करते समय, अप्रैल 2012 के लेनदेन को मार्च के बकाया लेनदेन के साथ मिलाना नहीं चाहिए। 5. गैर-सिविल मंत्रालयों यथा रक्षा, डाक, रेल्वे एवं दूरसंचार के लेनदेन को रिपोर्ट एवं लेखा करने की प्रक्रिया जोकि अब अनुसरण की जायेगी (जोकि 1 अक्तूबर 1993 से संशोधित कर दी गई है) ठीक वैसी ही है, जैसी कि विभागीय मंत्रालयों में लेनदेन को रिपोर्ट एवं लेखा करने हेतु विहित है । मार्च के लेनदेन को जमाकर्ता शाखाओं द्वारा नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं को रिपोर्ट करने की एवं मार्च 2012 लेनदेन को अप्रैल 2012 में नोडल / फोकल बिंदु शाखा द्वारा रिपोर्ट करने की विशेष प्रक्रिया जोकि उपरोक्त पैरा 3 एव 4 में दर्शायी गई है, गैर-सिविल मंत्रालय पर भी लागू होगी । आपके बैंक की शाखाएं जोकि गैर-सिविल मंत्रालयों के लेनदेन का कार्य करती हैं, उन्हें सभी उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दें। 6.कृपया तत्काल ही संबंधित शाखाओं को आवश्यक निर्देश जारी करें। भवदीय, (जी.सी.बिस्वाल) अनुलग्नक : यथोक्त अनुबंध मार्च लेनदेन को रिपोर्ट करना (1) 1 अप्रैल 2012 से नोडल / फोकल पार्इंट शाखाएं मार्च 2012 से संबंधित प्राप्तकर्ता शाखाओं से प्राप्त सभी स्क्रॉल्स / चालानों की दैनिक आधार पर छंटाई करेंगी और अलग-अलग मुख्य स्क्रॉल निम्नांकित के लिए तैयार करेंगी । (ए)मार्च 2012 या पहले की अवधि (वित्तीय वर्ष 2011-12 में प्रभावी) लेनदेन के स्क्रॉल और (2)1 अप्रैल से 14 अप्रैल 2012 के बीच तैयार किए गए मार्च 2012 लेनदेन के स्क्रॉल 14 अप्रैल तक मार्च रेसिड़ुयल - 1 और मार्च रेसिड़ुयल - 2 के रूप में अलग-अलग मार्क किए जाए ।अन्य शब्दों में, 1 अप्रैल से 14 अप्रैल 2012 के बीच भेजे गए मार्च 2012 के लेन-देन के प्रत्येक मुख्य स्क्रॉल को क्रमवार सीरियल नंबर आबंटित किए जाने चाहिए । ये स्क्रॉल मार्च 2012 के लेन-देन के लिए तैयार की गई प्राप्ति एवं भुगतान की दैनिक सूची की प्रतियों के साथ हमेशा की तरह संबंधित विभागीय अधिकारी (मंडल लेखा अधिकारी/भुगतान एवं लेखा अधिकारी एवं नामित अधिकारी) को अग्रेषित किए जाए । नोडल/फोकल पार्इंट शाखा डेली मेमो के माध्यम से उपरोक्त लेन-देन लिंक सेल को रिपोर्ट करेगी । ये एडवाईस टेलीग्राम / फ़ैक्स द्वारा प्रत्येक बैंक के नागपुर स्थित लिंक सेल को भेजी जाए ताकि वे भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा विभाग (CAS) नागपुर के साथ दैनिक निपटान कर सकें । नोडल / फोकल बिंदु शाखा से एडवाईस (मेमो / टेलीग्राम / फ़ैक्स) प्राप्त होने पर, लिंक सेल मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन के लिए एडवाईस की छंटाई करेगा और उन्हे अलग से भारतीय रिज़र्व बैंक, के.ले.अ. (CAS) नागपुर को कंम्प्युटर पर प्रोसेस करने के लिए भेजेगा । यह प्रक्रिया 14 अप्रैल 2012 तक ही जारी रहेगी । इसके पश्चात प्राप्त कर्ता शाखा द्वारा रिपोर्ट किए सभी लेनदेन, उनके लेनदेन की तिथि के बावजूद उस माह के खातों में सामान्य तरीके से रिपोर्ट और लेखा किए जाएंगे । मार्च 2012 के लेनदेन की विशेष व्यवस्था का अनुकरण करने के पश्चात, नोडल / फोकल शाखाओं के लिए यह आवश्यक होगा कि वह डीएमएस के दो सेट तैयार करें, जिसमें से एक मंडल लेखा अधिकारी / भुगतान एवं लेखा अधिकारी को मार्च 2012 के लेनदेन एवं दूसरा नोडल / फोकल शाखाओं द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक, के. ले. अ. (CAS), नागपुर के साथ 1 अप्रैल से 14 अप्रैल 2012 तक एडजस्ट किए गए मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के लिए होगा । चूंकि नोडल / फोकल शाखाओं की वर्ष 2012-2013 के अप्रैल 2012 के लेनदेन मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के अतिरिक्त रिपोर्ट करेगी, अत: अप्रैल लेनदेनों का मासिक विवरण तैयार कर मंडल लेखा अधिकारी / भुगतान एवं लेखा अधिकारी को हमेशा की तरह भेजा जाए । अप्रैल 2012 (2012-2013) एवं मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन को अलग रखने के लिए मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन विवरण को साफ तौर पर "मार्च रेसिड़ुयल खाता" अंकित किया जाए । टिप्पणी :हमारे परिपत्र दिनांक 22 मई 1996 क्र.GA.NB.No.376/42.01.001/1995-96 के अनुसार 31 मार्च 2012 को या उसके पहले वसूल सभी चेक / राशि को वर्तमान वित्तीय वर्ष का अर्थात "मार्च 2012 या मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन" माना जाए, जिसकी रिपोर्टिंग अप्रैल (14 अप्रैल 2012) तक हो सकती है । परंतु यदि कोई चेक 31 मार्च 2012 से पहले या को जमा होता है और 1 अप्रैल 2012 को या उसके बाद वसूल / भुगतान होता है तो इसे अगले वित्तीय वर्ष का लेनदेन यानि "अप्रैल लेनदेन" माना जाए । तदनुसार बैंक मार्च 2012 एवं अप्रैल 2012 (वर्ष 2012-2013) लेनदेन के लिए अलग स्क्रॉल बनाएगा । |