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(i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (iii) विभागीकृत मंत्रालय लेखा की देय (ड्युज) राशियों के संग्रहण की योजना - मार्च के लेनदेन को सूचित करना एवं लेखांकन – विशेष व्यवस्थाएं - वित्तीय वर्ष 2014-15

भारिबैं/2014-15/516
डीजीबीए.जीएडी.सं. 4285/42.01.029/2014-15

25 मार्च 2015

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी एजेंसी बैंक

महोदय / महोदया,

(i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (iii) विभागीकृत मंत्रालय लेखा की देय (ड्युज) राशियों के संग्रहण की योजना - मार्च के लेनदेन को सूचित करना एवं लेखांकन – विशेष व्यवस्थाएं - वित्तीय वर्ष 2014-15

कृपया वित्तीय वर्ष 2013-14 हेतु आपके बैंक के प्राप्तकर्ता/नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं द्वारा प्रत्यक्ष करों (सीबीडीटी) एवं अप्रत्यक्ष करों (सीबीईसी) तथा विभागीय मंत्रालयों के लेनदेन को सूचित करने एवं लेखांकन प्रक्रिया के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया से संबंधित 27 मार्च 2014 के परिपत्र क्र.डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-5495/42.01.029/2013-14 का अवलोकन करें।

2. भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में मार्च 2015 के बकाया लेनदेन का समापन करने की तारीख 15 अप्रैल 2015 होगी।

3. वर्ष 2014-15 की आगामी सरकारी लेखाबंदी को ध्यान में रखते हुए, आप कृपया अपनी शाखाओं को पुन: निर्देश जारी करें कि प्राप्तकर्ता शाखाओं में विशेष संदेशवाहक व्यवस्था प्रारंभ करें। जो प्राप्तकर्ता शाखाएं स्थानीय नहीं हैं, वहाँ पर भी नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं में चालान/स्क्रॉल भेजने के लिए कूरियर सेवा आदि जैसी विशेष व्यवस्था की जाए ताकि मार्च के अंत तक सरकार के लिए किए गए सभी भुगतान और संग्रह उसी वित्तीय वर्ष में लेखांकित किए जा सकें।

4. नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं द्वारा अप्रैल में मार्च 2015 के लेनदेनों की रिपोर्टिंग करने हेतु शाखाओं को अनुबंध में दी गई प्रक्रिया का अनुसरण करने को कहा जाए। संक्षेप में, नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं से अपेक्षित होगा कि वे इस प्रयोजनार्थ अलग-अलग स्क्रॉल बनाएं अर्थात् मार्च 2015 माह के बकाया लेनदेन के लिए पहला और अप्रैल 2015 माह के पहले 15 दिनों के लेनदेन के लिए दूसरा। नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 31 मार्च 2015 तक प्राप्तकर्ता शाखाओं में किए गए सभी लेनदेनों (राजस्व/कर संग्रहण/भुगतान) से संबंधित खाते वर्तमान वित्तीय वर्ष के खातों में ही प्रभावी कर दिए जाएं और इन्हें अप्रैल 2015 के लेनदेन के साथ मिलाया न जाए। साथ ही मार्च 2015 के लेनदेन को 15 अप्रैल 2015 तक रिपोर्ट करते समय, अप्रैल 2015 के लेनदेन को “मार्च के बकाया लेनदेन” के साथ मिलाया न जाए।

5. गैर-सिविल मंत्रालयों यथा रक्षा, डाक, रेलवे एवं दूरसंचार के लेनदेन को रिपोर्ट एवं लेखांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया (जो कि 1 अक्तूबर 1993 से संशोधित की गई है) ठीक वैसी ही है, जैसी विभागीकृत मंत्रालयों के लेनदेन को रिपोर्ट करने एवं लेखांकन हेतु निर्धारित है। मार्च के लेनदेन को प्राप्तकर्ता शाखाओं द्वारा नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं को रिपोर्ट करने की एवं मार्च 2015 के लेनदेन को अप्रैल 2015 में नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखा द्वारा रिपोर्ट करने की विशेष प्रक्रिया, जो कि उपरोक्त पैरा 3 एवं 4 में दर्शाई गई है, गैर-सिविल मंत्रालय पर भी लागू होगी। अपने बैंक की गैर-सिविल मंत्रालयों के लेनदेन का कार्य करने वाली शाखाएं, यदि कोई हों तो, उन्हें निर्देश दें कि वे इस संबंध में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करें।

6. कृपया अपनी संबंधित शाखाओं को इस मामले से संबंधित आवश्यक अनुदेश तत्काल जारी करें।

भवदीय,

(के गणेश)
उपमहाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त


अनुबंध

मार्च लेनदेन को रि‍पोर्ट करना

1 अप्रैल 2015 से नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाएं मार्च 2015 से संबंधि‍त प्राप्तकर्ता शाखाओं से प्राप्त सभी स्क्रॉल्स/चालानों की दैनि‍क आधार पर छंटाई करेंगी और नि‍म्नांकि‍त के लि‍ए मुख्य स्क्रॉल अलग-अलग तैयार करेंगी:

  1. मार्च 2015 या पहले की अवधि‍ (अर्थात् पिछले वि‍त्तीय वर्ष 2014-15 में किए गए) लेनदेन से संबंधित स्क्रॉल और

  2. वर्तमान लेनदेन (अर्थात् 1 अप्रैल 2015 से किए गए) से संबंधित स्क्रॉल

2. 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2015 के बीच तैयार कि‍ए गए मार्च 2014 के लेनदेन के मुख्य स्क्रॉल तथा 15 अप्रैल 2015 तक को मार्च रेसिड़ुयल - 1 और मार्च रेसिड़ुयल - 2 के रूप में अलग-अलग चिह्नित (मार्क) कि‍या जाए। दूसरे शब्दों में, 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2015 के बीच भेजे गए मार्च 2015 के लेन-देन के प्रत्येक मुख्य स्क्रॉल को क्रमवार सीरि‍यल नंबर आबंटित कि‍ए जाने चाहि‍ए। ये स्क्रॉल मार्च 2015 के लेन-देन के लि‍ए तैयार की गई प्राप्ति‍ एवं भुगतान की दैनि‍क सूची की प्रति‍यों के साथ हमेशा की तरह संबंधि‍त वि‍भागीय अधि‍कारी (अर्थात् मंडल लेखाधि‍कारी / भुगतान एवं लेखाधि‍कारी एवं नामि‍त अधि‍कारी) को अग्रेषि‍त कि‍ए जाएं। नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखा डेली मेमो के माध्यम से उपरोक्त लेन-देन लिंक सेल को भी रिपोर्ट करेगी। ये एडवाइस प्रत्येक बैंक के नागपुर स्थि‍त लिंक सेल को भेजी जाए ताकि‍ वे भारतीय रि‍ज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS) नागपुर के साथ दैनि‍क नि‍पटान कर सकें। नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखा से एडवाइस प्राप्त होने पर, लिंक सेल मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन के लि‍ए एडवाइस की छंटाई करेगा और उन्हें अलग से भारतीय रि‍ज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS) नागपुर को कंम्प्युटर पर प्रोसेस करने के लि‍ए भेजेगा। यह प्रक्रि‍या 15 अप्रैल 2015 तक ही जारी रहेगी। इसके पश्चात् जमाकर्ता शाखा द्वारा रि‍पोर्ट कि‍ए सभी लेनदेन, उनके लेनदेन की ति‍थि‍ पर ध्यान न देते हुए उस माह के खातों में सामान्य तरीके से रिपोर्ट और लेखांकित किए जाएंगे। मार्च 2015 के लेनदेन की वि‍शेष व्यवस्था का अनुकरण करने के पश्चात्, नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं के लि‍ए यह आवश्यक होगा कि‍ वे मंडल लेखाधि‍कारी / भुगतान एवं लेखाधि‍कारी को प्रस्तुत करने के लिए डीएमएस के दो सेट तैयार करें, जिनमें से पहला 31 मार्च 2015 तक के लेनदेन एवं दूसरा नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS), नागपुर के साथ 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2015 तक एडजस्ट कि‍ए गए मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के लि‍ए होगा।

चूंकि नोडल/केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाएं वर्ष 2015-16 के अप्रैल 2015 के लेनदेन मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के अति‍रि‍क्त रि‍पोर्ट करेगी, अत: अप्रैल लेनदेनों का मासि‍क वि‍वरण तैयार कर इसे हमेशा की तरह मंडल लेखाधि‍कारी / भुगतान एवं लेखाधि‍कारी को भेजा जाए। अप्रैल 2015 (2015-16) एवं मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन को अलग रखने के लि‍ए मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन वि‍वरण को साफ तौर पर "मार्च रेसिड़ुयल खाता" अंकि‍त कि‍या जाए ।

टिप्पणी : हमारे परि‍पत्र दि‍नांक 22 मई 1996 क्र.जीए.एनबी.सं.376/42.01.001/1995-96 के अनुसार 31 मार्च 2015 को या उसके पहले वसूली किए गए सभी चेक/राशि‍ को वर्तमान वि‍त्तीय वर्ष का अर्थात् "मार्च 2015 या मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन" माना जाए, जि‍सकी रिपोर्टिंग अप्रैल (15 अप्रैल 2015) तक हो सकती है। परंतु यदि‍ कोई चेक 31 मार्च 2015 से पहले या उसी दिन जमा होता है और 1 अप्रैल 2015 को या उसके बाद वसूल/भुगतान होता है तो इसे अगले वि‍त्तीय वर्ष का लेनदेन यानि‍ "अप्रैल लेनदेन" माना जाए। तदनुसार बैंक मार्च 2015 एवं अप्रैल 2015 (वर्ष 2015-16) लेनदेन के लि‍ए अलग स्क्रॉल बनाएंगे।

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