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विशेष व्यवस्थाएं – वित्तीय वर्ष 2006-2007

आरबीआई/2006-2007/264
सबैंलेवि.सलेप्र.क्र.एच–12812/42.01.029/2006-07

22 फरवरी 2007

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी एजेंसी बैंक (संलग्‍न सूची के अनुसार)

महोदय

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (ii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा
शुल्क बोर्ड (iii) विभागीकृत मंत्रालय लेखा की देय
(ड्युज) राशियों के संग्रहण की योजना – मार्च के
लेनदेन को सूचित करना एवं लेखांकन –

विशेष व्यवस्थाएं – वित्तीय वर्ष 2006-2007

कृपया वित्तीय वर्ष 2005-06 हेतु आपके बैंक के जमाकर्ता / नोडल / केंद्र बिंदु (फोकल प्वाइंट) शाखाओं द्वारा प्रत्यक्ष करों (सीबीडीटी) एवं अप्रत्यक्ष करों (सीबीईसी) तथा विभागीय मंत्रालयों के लेनदेन को सूचित करने एवं लेखा करने की प्रक्रिया सूचित करनेवाले 14 फरवरी 2006 के हमारे परिपत्र क्र. सबैंलेवि.सलेप्र.क्र.एच – 11835/42.01.001/2005-06 का अवलोकन करें।

2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2006-07 में मार्च 2007 के बकाया लेनदेन का समापन करने की तारीख 16 अप्रैल 2007 (सोमवार) तय की गई है।

3. वर्ष 2006-07 की आगामी सरकारी लेखाबंदी को ध्यान में रखते हुए, आप कृपया अपनी शाखाओं को पुन: निर्देश जारी करें कि मार्च 2007 के दूसरे पखवाड़े से जमाकर्ता शाखाओं (स्‍थानीय) में विशेष संदेशवाहक व्यवस्था प्रारंभ करें। जो जमाकर्ता शाखाएं स्थानीय नहीं हैं, वहाँ पर भी मार्च 2007 के दूसरे पखवाडे से नोडल / केंद्र (फोकल) बिंदु शाखाओं में चालान / स्क्रॉल भेजने के लिए कूरियर सेवा आदि जैसी विशेष व्यवस्था की जाए ताकि मार्च के अंत तक सरकार के लिए किए गए सभी भुगतान और जमा उसी वित्तीय वर्ष में लेखांकित किए जा सकें । शाखाओं को यह निर्देश भी दिए जाएं कि वे बकाया को, यदि कोई हो तो, 15 मार्च 2007 से पहले समाशोधन सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।

4. नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं द्वारा अप्रैल में मार्च 2007 के लेनदेनों की रिपोर्टिंग करने हेतु शाखाओं को अनुबंध में दी गई प्रक्रिया का अनुसरण करने को कहा जाए। संक्षेप में, नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं से अपेक्षित होगा कि वे इस प्रयोजनार्थ अलग-अलग स्क्रॉल बनाएं अर्थात् मार्च माह के बकाया लेनदेन के लिए पहला और अप्रैल 2007 माह के पहले 16 दिनों के लेनदेन के लिए दूसरा। नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि 31 मार्च 2007 तक जमाकर्ता शाखाओं में किए गए सभी लेनदेन (राजस्व / कर संग्रहण / भुगतान) वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही प्रभावी कर दिए जाएं और इन्हें अप्रैल 2007 के लेनदेन के साथ मिलाया नहीं जाना चाहिए। साथ ही 16 अप्रैल 2007 तक के लेनेदेन रिपोर्ट करते समय, अप्रैल 2007 के लेनदेन को “मार्च के बकाया लेनदेन” के साथ मिलाना नहीं चाहिए।

5. गैर-सिविल मंत्रालयों यथा रक्षा, डाक, रेल्वे एवं दूरसंचार के लेनदेन को रिपोर्ट एवं लेखांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया (जोकि 1 अक्तूबर 1993 से संशोधित की गई है) ठीक वैसी ही है, जैसी विभागीकृत मंत्रालयों के लेनदेन को रिपोर्ट करने एवं लेखांकन हेतु विहित है। मार्च के लेनदेन को जमाकर्ता शाखाओं द्वारा नोडल / फोकल बिंदु शाखाओं को रिपोर्ट करने की एवं मार्च 2007 लेनदेन को अप्रैल 2007 में नोडल / फोकल बिंदु शाखा द्वारा रिपोर्ट करने की विशेष प्रक्रिया, जोकि उपरोक्त पैरा 3 एवं 4 में दर्शाई गई है, गैर-सिविल मंत्रालय पर भी लागू होगी। अपने बैंक की गैर-सिविल मंत्रालयों के लेनदेन का कार्य करने वाली शाखाएं, यदि कोई हों तो, उन्हें निर्देश दें कि वे इस संबंध में उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करें।

6. कृपया अपनी संबंधित शाखाओं को आवश्यक निर्देश तत्काल जारी करें।

भवदीय

(एम.टी.वर्गीज)
महाप्रबंधक


अनुबंध

(दिनांक 22 फरवरी 2007 के सबैंलेवि के परित्र आरबीआई/2007/264 का संलग्‍नक)

मार्च के लेनदेन को रिपोर्ट करना

1 अप्रैल 2007 से नोडल / फोकल बिंदु शाखाएं मार्च 2007 से संबंधित जमाकर्ता शाखाओं से प्राप्त सभी स्क्रॉल्स / चालानों की दैनिक आधार पर छंटाई करेंगी और अलग-अलग मुख्य स्क्रॉल निम्नांकित के लिए तैयार करेंगी:

(क) मार्च 2007 या पहले की अवधि (अर्थात् पिछले वित्तीय वर्ष 2006-07 में किए गए) के लेनदेन के स्क्रॉल और

(ख) वर्तमान लेनदेन के स्क्रॉल (अर्थात् 1 अप्रैल 2007 से किए गए)

2. दिनांक 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2007 के बीच तैयार किए गए मार्च 2007 के लेनदेन के मुख्य स्क्रॉल तथा 15 अप्रैल 2007 तक को मार्च रेसिड़ुयल - 1 और मार्च रेसिड़ुयल - 2 के रूप में अलग-अलग चिह्नित (मार्क) किया जाए। दूसरे शब्दों में, 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2007 के बीच भेजे गए मार्च 2007 के लेन-देन के प्रत्येक मुख्य स्क्रॉल को क्रमवार सीरियल नंबर आबंटित किए जाने चाहिए। ये स्क्रॉल मार्च 2007 के लेन-देन के लिए तैयार की गई प्राप्ति एवं भुगतान की दैनिक सूची की प्रतियों के साथ हमेशा की तरह संबंधित विभागीय अधिकारी (अर्थात् मंडल लेखा अधिकारी / भुगतान एवं लेखा अधिकारी एवं नामित अधिकारी) को अग्रेषित किए जाएं। नोडल / फोकल बिंदु शाखा डेली मेमो के माध्यम से उपरोक्त लेन-देन लिंक सेल को भी रिपोर्ट करेगी। ये एडवाईस प्रत्येक बैंक के नागपुर स्थित लिंक सेल को टेलिग्राम/फैक्‍स से भेजी जाए ताकि वे भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS) नागपुर के साथ दैनिक निपटान कर सकें। नोडल / फोकल बिंदु शाखा से एडवाईस (मेमो/टेलिग्राम/फैक्‍स) प्राप्त होने पर, लिंक सेल मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन के लिए एडवाईस की छंटाई करेगा और उन्हें अलग से भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS) नागपुर को कंम्प्युटर पर प्रोसेस करने के लिए भेजेगा। यह प्रक्रिया 16 अप्रैल 2007 तक ही जारी रहेगी। इसके पश्चात् जमाकर्ता शाखा द्वारा रिपोर्ट किए सभी लेनदेन, उनके लेनदेन की तारीख पर ध्यान न देते हुए उस माह के खातों में सामान्य तरीके से रिपोर्ट और लेखांकित किए जाएंगे। मार्च 2007 के लेनदेन की विशेष व्यवस्था का अनुकरण करने के पश्चात्, नोडल / फोकल शाखाओं के लिए यह आवश्यक होगा कि वे मंडल लेखा अधिकारी / भुगतान एवं लेखा अधिकारी को प्रस्तुत करने के लिए डीएमएस के दो सेट तैयार करें, जिनमें से एक 31 मार्च 2007 तक के लेनदेन एवं दूसरा नोडल / फोकल शाखाओं द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (CAS), नागपुर के साथ 1 अप्रैल से 16 अप्रैल 2007 तक एडजस्ट किए गए मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के लिए होगा। चूंकि नोडल / फोकल शाखाएं वर्ष 2007-08 के अप्रैल 2007 के लेनदेन मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन के अतिरिक्त रिपोर्ट करेगी, अत: अप्रैल लेनदेनों का मासिक विवरण तैयार कर मंडल लेखा अधिकारी / भुगतान एवं लेखा अधिकारी को हमेशा की तरह भेजा जाए। अप्रैल 2007 (2007-08) एवं मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन को अलग रखने के लिए मार्च रेसिड़ुयल लेन-देन विवरण को साफ तौर पर "मार्च रेसिड़ुयल खाता" अंकित किया जाए।

टिप्पणी: हमारे परिपत्र दिनांक 22 मई 1996 क्र.GA.NB.No.376/42.01.001/1995-96 के अनुसार 31 मार्च 2007 को या उसके पहले वसूली किए गए सभी चेक / राशि को वर्तमान वित्तीय वर्ष का अर्थात् "मार्च 2007 या मार्च रेसिड़ुयल लेनदेन" माना जाए, जिसकी रिपोर्टिंग अप्रैल (15 अप्रैल 2007) तक हो सकती है। परंतु यदि कोई चेक 31 मार्च 2007 को या उससे पहले जमा होता है और 1 अप्रैल 2007 को या उसके बाद वसूल/भुगतान होता है तो इसे अगले वित्तीय वर्ष का लेनदेन यानि "अप्रैल लेनदेन" माना जाए। तदनुसार बैंक, मार्च 2007 एवं अप्रैल 2007 (वर्ष 2007-08) लेनदेन के लिए अलग स्क्रॉल बनाएगा।

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