बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) - राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने के लिए नीति - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) - राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने के लिए नीति
आरबीआई/2009-10/114 4 अगस्त 2009 सभी राज्य सहकारी बैंक महोदय / महोदया, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों को यथालागू) की धारा 23 के अंतर्गत राज्य सहकारी बैंकों द्वारा नए स्थान पर कारोबार करने की नीति की समीक्षा करने पर निम्नलिखित मानदंड अपनाने का निर्णय लिया गया है। शाखाएं / विस्तार पटल खोलना (i) तीन स्तरीय संरचना जिसमें शीर्ष स्तर पर राज्य सहकारी बैंक, (एसटीसीबी) मध्य स्तर पर जिला सहकारी बैंक (सीसीबी) और आधार स्तर पर प्राथमिक कृषि साख समितियां (पीएसीएस) होती हैं, राज्य सहकारी बैंकों को राज्य की राजधानी में शाखाएं / विस्तार पटल खोलने की अनुमति दी जाएगी। यदि जिला मुख्यालय में कोई शाखा खोलना आवश्यक हो तो राज्य सहकारी बैंक सहकारी बैंकों की जमाराशियों को रखने और उनकी सर्विसिंग के लिए वहां शाखा खोल सकता है। अर्ध शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जिला सहकारी बैंक नहीं है या जहाँ वे कमज़ोर और पूर्णत: निक्रिय है, वहाँ राज्य सहकारी बैंक को शाखाएं खोलने की अनुमति दी जाए बशर्ते संलग्न जिले का मध्यवर्ती सहकारी बैंक उस क्षेत्र को (जहां मध्यवर्ती सहकारी बैंक मौजूद नहीं है) कवर करने के लिए अपने परिचालन क्षेत्र को बढ़ाने या संविलय के द्वारा कमजोर/निक्रिय जिला सहकारी बैंक को टेक ओवर करने की स्थिति में नही है । ऐसे सभी मामलों में, संबंधित राज्य के निबंधक, सहकारी सोसाइटियां की सिफारिश आवश्यक होगी। (ii) राज्य सहकारी बैंक और प्राथमिक कृषि साख समिति वाली दो स्तरीय सहकारी साख संरचना में (पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर जहां राज्य में कहीं भी शाखाएं खोलने के लिए सामान्य अनुमति दी गई है) राज्य सहकारी बैंक को शहरी और ग्रामीण केद्रों में शाखाएं खोलने की अनुमति दी जा सकती है। (iii) उक्त मानदंड के अनुसार शाखाएं / विस्तार पटल खोलने के प्रयोजन से राज्य सहकारी बैंक के पास (अद्यतन निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार) निम्नलिखित का होना आवश्यक है। (क) सीआरएआर कम से कम 9% ; (iv) साथ ही, राज्य सहकारी बैंक के लिए नए स्थान पर कारोबार करने की पात्रता के लिए राज्य सरकार ने अल्पावधि ग्रामीण सहकारी ऋण संरचना के लिए भारत सरकार के पुनरुत्थान पैकेज के संबंध में ममेरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हों। 2. इस परिपत्र में निहित अनुदेश रिज़र्व बैंक द्वारा इस संबंध में पहले जारी किए गए सभी अनुदेशों का अतिक्रमण करते हैं। 3. शाखाएं / विस्तार पटल खोलने के आवेदन रिज़र्व बैंक (ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, केंद्रीय कार्यालय) को निर्धारित प्रारूप में नाबार्ड के मार्फत भेजे जाएं। ऐसे राज्य सहकारी बैंकों के लिए जिन्होंने शाखाएं खोलने के अपने आवेदन पहले ही प्रस्तुत कर दिए हैं, उक्त अनुदेशों के अनुसार कोई अतिरिक्त जानकारी देना आवश्यक हो तो उसे नाबार्ड के मार्फत शीघ्र भेजे । 4. कृपया प्राप्ति-सूचना इस विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (आर.सी.षडंगी) |