बैंक कारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 23 - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र-क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की नीति - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक कारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 23 - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र-क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की नीति
आरबीआई/2009-10/306 5 फरवरी 2010 अध्यक्ष महोदय बैंक कारी विनियमन अधिनियम,1949 की धारा 23 - क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक - शाखा लाइसेंसीकरण पर मास्टर परिपत्र-क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की नीति कृपया दिनांक 01 जुलाई 2009 के हमारे मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं. बीएल. बीसी.8/03.05.90ए/2009-10 का पैरा 2.3 देखें जिसके अनुसार 75 या अधिक शाखाओं वाले समामेलित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रति 50 शाखाओं के लिए एक क्षेत्रीय कार्यालय तथा ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जिनका समामेलन नहीं हुआ है (एकल) और जिनकी 50 या अधिक शाखाएं हैं, प्रति 25 शाखाआं के लिए एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की अनुमति दी गई है। 2. स्थिति की समीक्षा करके निम्नानुसार निर्णय लिया गया है: (i) क्षेत्रीय कार्यालय खोलने के संदर्भ में समामेलित और एकल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के भेद को समाप्त कर दिया गया है। तदनुसार, सभी क्षत्रीय ग्रामीण बैंकों (समामेलित और एकल दोनों) को प्रति 50 शाखाओं के लिए एक क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की अनुमति होगी। ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जिनकी 50 तक शाखाएं हैं, बिना किसी मध्यस्थ टीयर के, प्रधान कार्यालय के नियंत्रण में रहेंगे। (ii) ऐसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के मामलों की, जहां भौगोलिक और अन्य स्थितियों के कारण एक क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा कवर की जाने वाली शाखाओं की संख्या के संबंध में छूट दिए जाने की आवश्यकता हो, रिज़र्व बैंक की राज्य स्तरीय अधिकारप्राप्त समिति जांच करेगी तथा उन्हें अपने अभिमतों के साथ इस विभाग के विचारार्थ भेजेगी। 3.उक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। 4. कृपया इस पत्र की प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (आर.सी. षडंगी) |