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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकार नीति में छूट

आरबीआई/2015-16/148
बैंविवि‍.सं.बीएपीडी.बीसी.34/22.01.001/2015-16

6 अगस्त 2015

सभी देशी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदया/महोदय

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 -
शाखा प्राधिकार नीति में छूट

कृपया उपर्युक्त विषय पर 19 सितंबर 2013 और 21 अक्तूबर 2013 के परिपत्र क्रमशः बैंपविवि‍.सं.बीएपीडी.बीसी 54 और 60/22.01.001/2013-14 देखें जिनमें देशी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को प्रत्येक मामले में भारतीय रिज़र्व बैंक से अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता के बिना ही, रिपोर्टिंग और कतिपय अन्य शर्तों पर, टियर 1 से टियर 6 केन्द्रों में शाखाएँ खोलने की अनुमति दी गई है।

2. इस युक्तिकरण के क्रम में, तथा बैंकों को और अधिक परिचालनात्मक स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए, शाखाओं के विलय, समापन, स्थानांतरण, आंशिक स्थानांतरण, विस्तार काउंटर खोले जाने और रिपोर्टिंग अपेक्षाओं से संबंधित अनुदेशों की समीक्षा की गई है। मौजूदा अनुदेशों को वापस लिया गया है और अब बैंक ये सभी कार्य नीचे दिए गए अनुदेशों के अनुसार कर सकते हैं:

3. शाखाओं का विलय/समापन/ स्थानांतरण

i) बैंक ग्रामीण शाखाओं और एकल अर्ध-शहरी शाखाओं को छोड़कर अन्य सभी शाखाओं का विलय/समापन/ स्थानांतरण अपने विवेक से कर सकते हैं।

ii) ग्रामीण शाखा और एकल अर्ध-शहरी शाखा के विलय/समापन/ स्थानांतरण लिए डीसीसी / डीएलआरसी के अनुमोदन की आवश्यकता होगी। साथ ही, एकल ग्रामीण शाखाओं अथवा अर्ध-शहरी शाखाओं का विलय/समापन/ स्थानांतरण करते समय बैंक यह सुनिश्चित करें कि उस केंद्र की बैंकिंग संबंधी जरूरतें या तो अनुषंगी कार्यालयों/ मोबाइल वाहनों या कारोबार प्रतिनिधियों द्वारा निरंतर पूरी की जा रही हैं। इस प्रकार उस केंद्र को बैंकिंग सुविधाओं के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है।

iii) तथापि बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विलय/समापन/ स्थानांतरण के अधीन शाखा के ग्राहकों को वास्तव में शाखा का विलय/समापन/ स्थानांतरण किए जाने से पूर्व पर्याप्त समय रहते अवगत कराया जाता है ताकि उन्हें असुविधा न होने पाए। साथ ही शाखाओं के विलय/समापन/ स्थानांतरण पर विचार करते समय बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों तथा डीबीटी योजना के अंतर्गत इन शाखाओं को सौंपी गईं भूमिकाओं को निभाना जारी रखा जाता है।

iv) इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि शाखाओं को समान या कम आबादी श्रेणी वाले स्थान पर स्थानान्तरित किया जाता है, अर्थात अर्ध-शहरी शाखाओं को अर्ध-शहरी या ग्रामीण केन्द्रों और ग्रामीण शाखाओं को अन्य ग्रामीण केन्द्रों में स्थानान्तरित किया जाए।

v) इन सभी मामलों में विलय/समापन/ स्थानांतरण की गई शाखा के लिए यदि कोई लाइसेन्स जारी किया गया है तो वह संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग को अभ्यर्पित कर दिया जाए। महाराष्ट्र और गोवा में स्थित शाखाओं के संबंध में उसे बैंकिंग विनियमन विभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को अभ्यर्पित किया जाए। इस प्रकार बैंक अपनी महानगरीय, शहरी और अर्ध-शहरी शाखाओं को भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना राज्य के बाहर और ग्रामीण शाखाओं को ब्लॉक से बाहर स्थानान्तरित कर सकते हैं।

4. शाखाओं का आंशिक रूप से स्थानांतरण

बैंकों को किसी केंद्र में स्थान की कमी/किराए इत्यादि समस्याओं के कारण किसी शाखा की कुछ गतिविधियों के स्थानांतरण या आंशिक स्थानांतरण की आवश्यकता हो सकती है, और बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना ऐसा कर सकते हैं। तथापि, यह नोट किया जाए कि बैंकिंग कार्य, अर्थात जमा या ऋण कारोबार दोनों स्थानों पर नहीं किया जा सकता है, और आंशिक स्थानांतरण के लिए नया स्थान मौजूदा स्थान से 1 किमी के भीतर स्थित होना चाहिए। वे अपने विवेक से कुछ गतिविधियों को भी, जैसे सरकारी कारोबार, अलग-अलग शाखाओं में वितरित कर सकते हैं।

5. विस्तार काउंटरों को खोलना

वर्तमान में बैंक उन संस्थानों के परिसर में विस्तार काउंटर खोल सकते हैं जहाँ वे प्रधान बैंकर हैं अथवा प्रधान बैंकर से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेते हैं। ग्राहकों की पसंद और परिचालन स्वतंत्रता को सक्षम बनाने की दृष्टि से विस्तार काउंटरों को खोलने के लिए प्रधान बैंकर होना जरूरी नहीं है।

6. रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का युक्तिकरण

क) वर्तमान में, 21 अक्टूबर 2013 के परिपत्र बैंपविवि‍.सं. बीएपीडी.बीसी.60/22.01.001/2013-14 के अनुसार, बैंकों से अपेक्षित है कि वे मोबाइल शाखा/मोबाइल एटीएम, समापन, विलय, कारोबार के लिए किसी मौजूदा जगह के रूपांतरण सहित कारोबार के किसी नई जगह के उद्घाटन का ब्योरा तुरंत, किन्तु हर हाल में खोलने/ बंद करने/ विलय/ स्थानांतरण/ रूपांतरण के बाद दो सप्ताह के भीतर, संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के डीबीएस को रिपोर्ट करें। केवल महाराष्ट्र और गोवा की शाखाओं के संबंध में बैंकिंग विनियमन विभाग, केंका, मुंबई को सूचित किया जाना चाहिए। बैंकों को कॉल सेंटर को खोलने, बंद करने और उसका स्थानांतरण करने के ब्योरे भी संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के डीबीएस, या (महाराष्ट्र और गोवा में स्थित कॉल सेंटर के संबंध में) बैंकिंग विनियमन विभाग, केंका, मुंबई को रिपोर्ट करना चाहिए।

ख) इसके अलावा, बैंकों को प्रत्येक तिमाही के चौदह दिनों के भीतर शाखाओं के खोलने/विलय/समापन/ स्थानांतरण और रूपांतरण से संबंधित जानकारी प्रोफार्मा I और II में सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग, बैंकिंग सांख्यिकी प्रभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, सी -8/9, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई 400 051 को प्रस्तुत करना चाहिए।

उपर्युक्त 6 ख) में रिपोर्टिंग की अपेक्षा को ध्यान में रखते हुए अब स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित बैंकों के लिए किसी मोबाइल शाखा/ मोबाइल एटीएम/कॉल सेंटर के समापन, विलय, स्थानांतरण या रूपांतरण सहित कारोबार के लिए नई जगह के उद्घाटन का ब्योरा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के डीबीएस या बैंकिंग विनियमन विभाग, केंका को रिपोर्ट करने की आवश्यकता अब नहीं है। तथापि वे यह सुनिश्चित करें डीएसआईएम को रिपोर्टिंग जारी रखी जाए ।

ग) इसके अलावा, 21 अक्टूबर 2013 के परिपत्र बैंपविवि‍.सं.बीएपीडी.बीसी.60/22.01.001/2013-14 के अनुसार वर्ष के दौरान वास्तविक रूप में खोली गई शाखाओं की वार्षिक रिपोर्ट अब अनुबंध में दिये गए संशोधित प्रारूप में प्रस्तुत की जाए।अन्य सभी अनुदेश अपरिवर्तित हैं।

भवदीया

(लिली वडेरा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

वित्तीय वर्ष के दौरान खोली गई शाखाओं के ब्योरे - बैंक का नाम –
31 मार्च.............केअनुसार विवरण

क्र.सं. ब्योरा टियर- 1 टियर-2 टियर-3 टियर-4 टियर-5 टियर -6
1. वर्तमान वर्ष के आरंभ में, अर्थात 1 अप्रैल ---- को, शाखाओं की कुल संख्या, (1.1+1.2+1.3 का योग)            
1.1 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में शाखाओं की संख्या जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं।            
1.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
1.3 अन्य केंद्रों में शाखाओं की संख्या अर्थात न तो अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में और न ही बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में            
2. खोलने में रह गई कमी- पिछले वर्ष न खोली जा सकी और खोलने के लिए वर्तमान वर्ष में आगे लायी गई शाखाओं की कुल संख्या (अनिवार्य/अधिकार प्राप्त शाखाएँ) (2.1+2.2+2.3 का योग)            
2.1 आगे लायी गई अनिवार्य/अधिकार प्राप्त शाखाओं की संख्या जिन्हें अन्य केन्द्रों, अर्थात न तो अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में और न ही बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में, खोला जाना था            
2.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में खोले जाने हेतु वर्तमान वर्ष में आगे लायी गई अनिवार्य शाखाओं की संख्या            
2.3. अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, खोले जाने हेतु वर्तमान वर्ष में आगे लायी गई अनिवार्य शाखाओं की संख्या            
3. वर्ष के दौरान खोली गई शाखाओं की कुल संख्या (3.1+3.2+3.3)*            
3.1 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, शाखाओं की संख्या            
3.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं की संख्या @            
3.3 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों या बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों के अलावा अन्य केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
4. वर्ष के दौरान बंद की गई शाखाओं की कुल संख्या (4.1+4.2+4.3)            
4.1 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, शाखाओं की संख्या            
4.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
4.3 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों या बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों के अलावा अन्य केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
5. वर्ष के दौरान विलय किए गए शाखाओं की कुल संख्या (5.1+5.2+5.3)            
5.1 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, शाखाओं की संख्या            
5.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
5.3 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों या ग्रामीण केंद्रों के अलावा            
6. 31 मार्च.............के अनुसार शाखाओं की कुल संख्या (6.1+6.2+6.3)^            
6.1 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, शाखाओं की संख्या            
6.2 बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
6.3 अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों या बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों के अलावा केंद्रों में शाखाओं की संख्या            
7. न खोली गई शाखाओं की संख्या  –अगले वर्ष आगे ले जाने की अनिवार्य /अधिकार प्राप्त शाखाएँ) (7.1+7.2+7.3+7.4)            
7.1 न खोली गई शाखाओं की संख्या  – बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में अगले वर्ष आगे ले जाने की अनिवार्य शाखाएँ)            
7.2 न खोले गए शाखाओं की संख्या – अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों के टियर 2 से 6 केंद्रों में, जो बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में नहीं हैं, अगले वर्ष आगे ले जाने की अनिवार्यता            
7.3 न खोली गई शाखाओं की संख्या  – अल्प बैंकिंग सुविधा वाले राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधा वाले जिलों में या बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में अगले वर्ष आगे लाये जाने की अनिवार्यता            
7.4 न खोली गई शाखाओं की संख्या  – टियर 1 केन्द्रों के लिए पात्र   शाखाएँ जिन्हें अगले 2 वर्ष आगे लाया जाना है।             

@ इसमें पूर्व में ही खोली जा चुकी शाखाएँ भी शामिल हैं, जिन्हें जोड़ा जा सकता है लेकिन ऐसी शाखाओं की संख्या के संबंध में एक फुटनोट दिया जाए।
* (अनिवार्य/पात्र शाखाओं तथा शाखाओं के रूप में अपग्रेड किए गए विस्तार/अनुषंगी काउंटरों, यदि कोई हों, को शामिल किए जाने के संबंध में एक फुटनोट दिया जाए
^ इसका मिलान [1+3-(4+5)] से भी होना चाहिए।

 

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