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बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 और धारा 56 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना

आरबीआई/2016-17/318
बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.71/12.02.001/2016-17

7 जून, 2017

सभी वाणिज्यिक बैंक, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी),
राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक (एसटीसीबी/सीसीबी)

महोदया/महोदय,

बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 और धारा 56 -
सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना

कृपया बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 और धारा 56 अंतर्गत सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना विषय पर दिनांक 10 दिसंबर 2015 का हमारा परिपत्र बैंविवि.सं. आरईटी.बीसी.64/12.01.001/2015-16 देखें।

2. जैसा कि भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वितीय द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य 2017-18 में आज घोषणा की गयी है, यह निर्णय लिया गया है कि वाणिज्यिक बैंकों, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी), राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को इन बैंकों की निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 20.5 प्रतिशत से घटाकर 24 जून 2017 से आरंभ होने वाले पखवाड़े से 20.00 प्रतिशत कर दिया जाए। सभी बैंकों पर लागू दिनांक 7 जून, 2017 की संबंधित अधिसूचना बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.73/12.02.001/2016-17 की प्रति संलग्न है।

3. यह स्पष्ट किया जाता है कि एसएलआर घटाने के बावजूद, एसएलआर प्रतिभूतियों की राशि पर अधिकतम सीमा, जिसे ‘परिपक्वता तक धारित’ श्रेणी के अंतर्गत धारित किया जा सकता है, अपरिवर्तित रहेगी।

भवदीय,

(एस.एस. बारिक)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनुलग्नक: यथोक्त


बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.73/12.02.001/2016-17

7 जून 2017

अधिसूचना

बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (1949 का 10) की धारा 51 तथा धारा 56 के साथ पठित धारा 24 की उप-धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा दिनांक 10 दिसंबर, 2015 की अधिसूचना संदर्भ.बैंविवि.सं.आरईटी.बीसी.63/12.02.001/2015-16 में आंशिक संशोधन करते हुए रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा यह विनिर्दिष्ट करता है किः

दिनांक 24 जून,2017 से प्रत्येक वाणिज्यिक बैंक, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंक भारत में आस्तियां (जिसे उपर्युक्त अधिसूचना में ‘एसएलआर आस्तियां’ कहा गया है) बनाए रखेगा, जिनका मूल्य किसी भी दिन कारोबार की समाप्ति पर दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार की कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 20 प्रतिशत से कम नहीं होगा तथा जिसका मूल्यांकन समय समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट मूल्यन पद्धति के अनुसार किया जाएगा ; और

दिनांक 10 दिसंबर 2015 की ऊपर उल्लिखित अधिसूचना में निहित अन्य सभी अनुदेश यथावत रूप में लागू होंगे।

(सुदर्शन सेन)
कार्यपालक निदेशक

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