भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 18 और 24 – एफ़सीएनआर (बी)/एनआरई मीयादी जमा – सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव से छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 18 और 24 – एफ़सीएनआर (बी)/एनआरई मीयादी जमा – सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव से छूट
आरबीआई/2022-23/83 06 जुलाई 2022 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) महोदया / प्रिय महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 18 और 24 – एफ़सीएनआर (बी)/एनआरई मीयादी जमा – सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव से छूट वर्तमान में, बैंकों को सीआरआर और एसएलआर के रखरखाव हेतु निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के आंकलन के लिए विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) [एफ़सीएनआर(बी)] और अनिवासी (बाह्य/विदेशी) रुपया (एनआरई) जमा देयताओं को शामिल करना चाहिए। 2. बैंकों को सूचित किया जाता है कि 30 जुलाई 2022 से शुरू होनेवाले रिपोर्टिंग पखवाड़े से बैंकों द्वारा जुटाई गई 01 जुलाई 2022 की आधार तारीख के संदर्भ में वृद्धिशील एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि के साथ-साथ एनआरई मीयादी जमा को सीआरआर और एसएलआर के रखरखाव से छूट दी जाएगी। अर्थात, अगर किसी बैंक के पास आधार तारीख को 100 यूएसडी की कुल एफ़सीएनआर(बी) जमाराशि है और उसके द्वारा 20 यूएसडी की वृद्धिशील जमाराशि जुटाता है, तो वह 20 यूएसडी 30 जुलाई 2022 से शुरू होनेवाले पखवाड़े से सीआरआर और एसएलआर के रखरखाव के लिए एनडीटीएल के आंकलन के प्रयोजन के लिए विचार की गई देयताओं का हिस्सा नहीं बनेगा। सीआरआर/एसएलआर आवश्यकताओं के रखरखाव से छूट के लिए एनआरई मीयादी जमा की गणना के लिए भी यही सिद्धांत लागू होगा। हालांकि, अनिवासी (साधारण) (एनआरओ) खातों से एनआरई खातों में किया गया कोई भी हस्तांतरण ऐसी छूट के लिए योग्य नहीं होगा। 3. उक्त छूट 04 नवंबर 2022 तक जुटाई गई जमाराशियों के लिए वैध होगी। आरक्षित निधियों के रखरखाव पर छूट मूल जमाराशियों के लिए तब तक ही उपलब्ध होगी जब तक जमा बैंक बहियों में प्रदर्शित हो। भवदीय (प्रकाश बलियारसिंह) |