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कार्ड प्रेजेंट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय

आरबीआई/2012-13/540
डीपीएसएस (सीओ) पीडी. सं.2377/02.14.003/2012-13

24 जून 2013

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
प्राधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क

महोदय/महोदया

कार्ड प्रेजेंट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय

कृपया, कार्ड प्रेजेंट (सीपी) लेनदेनों से संबन्धित सुरक्षा मामलों और जोखिम को कम करने के उपायों से संबन्धित दिनांक 22 सितम्बर  2011 और  इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेन के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपायों पर दिनांक  28 फ़रवरी 2013 के हमारे परिपत्रों का संदर्भ लें जिनमें कार्ड और  इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों को सुरक्षित बनाने से संबन्धित कार्यों को सम्पन्न करने के लिए विभिन्न समय सीमाएं दर्शाई गई थीं।

2. इस संबंध में उक्त परिपत्रों में दर्शाई गई समय सीमा को बढ़ाने के लिए हितधारकों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। कार्ड और इलेक्ट्रानिक लेनदेनों को सुरक्षित बनाए रखने के संबंध में बैंक की तैयारी की समीक्षा करने पर यह पता चला कि तकनीकी कमियां जैसे कि सभी एटीएम और पीओएस (POS) स्थानों का दौरा करना, प्रमाणीकरण में देरी, री-कार्डिंग/ फाल बैक संबंधी मामले, अधिग्राहक बैंक के पूरी तरह से तैयार न होने के कारण अस्वीकृतियां, जारीकर्ता बैंकों की समस्याएँ इत्यादि ऐसे लेनदेनों के लिए अपेक्षित वातावरण के सहजता और समय से निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

3. ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने की दृष्टि से, यह निर्णय लिया गया है कि निम्नलिखित अनुसार समय सीमा में एक बार के लिए विस्तार प्रदान किया जाए:

सं.

कार्य

निम्नलिखित तारीख तक सम्पन्न किया जाए

i. 

अधिग्राहक बैंक क्रमश: 22 सितंबर 2011 और 28 फ़रवरी 2013 के परिपत्र के अंतर्गत उल्लिखित संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए तैयार रहें।

30 सितम्बर 2013

ii. 

जारीकर्ता बैंक क्रमश: 22 सितंबर 2011 और 28 फ़रवरी 2013 के परिपत्र के अंतर्गत उल्लिखित संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए तैयार रहें।

30 नवंबर 2013  

iii. 

क) भारत में जारी किए गए सभी कार्डों के लिए फालबैक ऑप्शन/बाईपास (पिन की आवश्यकता के बिना) प्रदान किया जाए।
 
ख) सेवा कोडों और अधिकार क्षेत्र के अधिदेशों  (मैंन्डेट्स) के आधार पर भारत में उपयोग किए गए सभी अंतरराष्ट्रीय कार्डों  (विदेश में जारी किए गए कार्ड) के लिए फालबैक ऑप्शन/बाईपास (पिन की आवश्यकता के बिना) प्रदान किया जाए।

30 नवंबर, 2013 तक

 

 

मौजूदा व्यवस्था को जारी रखा जाए
 

iv. 

22 सितंबर 2011 और 28 फ़रवरी 2013 के हमारे परिपत्रों के अंतर्गत उल्लिखित अन्य सभी कार्य

30 सितम्बर 2013

4. प्रत्येक जारीकर्ता बैंक और अधिग्राहक बैंक ऊपर्युक्त अधिदेशों (मैंन्डेट्स) के अनुरूप कार्य करेंगे और देयताएँ तदनुसार निर्धारित की जाएंगी। कृपया इस बात पर ध्यान दें कि इस परिपत्र में दर्शाई गई तिथि के पश्चात यदि कोई ग्राहक कार्ड के दुरुपयोग की शिकायत करता है तो जारीकर्ता बैंक अथवा अधिग्राहक बैंक जिसने समय-सीमा का पालन नहीं किया है उसे नुकसान सहना होगा। 

5. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उपर्युक्त आदेशों का सख्ती से पालन करें और अनुपालन सुनिश्चित करें। यह उल्लेखनीय है कि इसके बाद समय सीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा।

6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया गया है।

7. इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें।

भवदीय,

(विजय चुग)
मुख्य महाप्रबंधक

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