कार्ड प्रेजेंट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
कार्ड प्रेजेंट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय
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आरबीआई/2014-15/589 07 मई 2015 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक / महोदय / महोदया, कार्ड प्रेजेंट और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय कार्ड प्रेजेंट (सीपी) लेनदेनों के संबंध में सुरक्षा संबंधी मुद्दों और जोखिम कम करने के उपायों के संबंध में हमारे दिनांक 22 सितंबर 2011 के परिपत्र डीपीएसएस.पीडी.सीओ.सं. 513 / 02.14.003 / 2011-2012 और दिनांक 24 जून 2013 के डीपीएसएस.(सीओ)पीडी.सं. 2377 / 02.14.003 / 2012-13 के साथ पठित इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों के लिए सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपायों के संदर्भ में दिनांक 28 फरवरी 2013 के परिपत्र जिसमें कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान लेनदेनों को सुरक्षित करने के लिए कार्यों को सम्पन्न करने हेतु विभिन्न समय सीमाएं दर्शाई गई थीं, का संदर्भ लें। 2. भारतीय रिजर्व बैंक ने कार्ड लेन-देन में जोखिम कम करने और सुरक्षा के उपायों के कार्यान्वयन को चरणबद्ध तरीके से अपनाया है जो कि, समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों से स्पष्ट है। इन्हें स्वीकार करने वाले बुनियादी ढांचे को ईएमवी चिप और पिन स्वीकार करने के लिए तैयार किया जा रहा है। तथापि, कार्ड जारी करने के मामले में, जबकि कुछ बैंकों ने पहले से ही ईएमवी चिप और पिन कार्ड जारी करना आरंभ कर दिया है, बड़ी संख्या में बैंक अभी भी मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड जारी कर रहे हैं। अत:, पॉइंट ऑफ सेल के स्थान पर कार्ड स्वीकृति के बुनियादी ढांचे की तैयारी और डेबिट कार्ड के लिए पॉइंट ऑफ सेल में पिन के कार्यान्वयन को देखते हुए, केवल मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड से चिप और पिन वाले कार्ड को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए यह सही समय है। 3. तदनुसार, बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि, दिनांक 01 सितंबर 2015 के पश्चात सभी बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले सभी कार्ड - डेबिट और क्रेडिट, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ईएमवी चिप और पिन आधारित कार्ड होने चाहिए। 4. वर्तमान में केवल मैगनेटिक स्ट्रिप वाले कार्डों के लिए परिवर्तन योजना को हितधारकों के परामर्श से तैयार किया जाएगा और इस संबंध में समय सीमा के संबंध में सूचना यथोचित समय में उपलब्ध कराई जाएगी। 5. ये दिशा-निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 10 (2) के साथ पठित धारा 18 के अंतर्गत जारी किए जा रहे हैं। भवदीय (श्रीमती नंदा दवे) |