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वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री की स्थापना

आरबीआइ/2010-11/484
बैंपविवि. एलईजी. सं. बीसी.86/09.08.011/2010-11

21 अप्रैल 2011
01 वैशाख 1933 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों/वित्तीय संस्थाएं
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002
के अंतर्गत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री की स्थापना

वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2011-12 के बजट भाषण में की गयी घाषणा के अनुसरण में भारत सरकार, वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय रजिस्ट्री की स्थापना की अधिसूचना जारी की है । केंद्रीय रजिस्ट्री स्थापित करने का उद्देश्य ऋण के ऐसे मामलों में धोखाधड़ी को रोकना है जिनमें एक ही अचल संपत्ति की प्रतिभूति पर विभिन्न बैंकों से अनेक ऋण लिए गए हों । यह केंद्रीय रजिस्ट्री 31 मार्च 2011 से परिचालन में है। कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त सरकारी कंपनी के रूप में भारतीय प्रतिभूतिकरण आस्ति पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित की केंद्रीय रजिस्ट्री को वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के उपबंधों के अंतर्गत केंद्रीय रजिस्ट्री का परिचालन करने और उसके रखरखाव के उद्देश्य से निगमित किया गया है ।

2. यह नोट किया जाए कि प्रारंभ में वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत यथापरिभाषित वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं द्वारा कोई ऋण अथवा अग्रिम मंजूर करवाने के लिए स्वत्व विलेखों के जमा द्वारा बंधक से संबंधित लेनदेन केंद्रीय रजिस्ट्री में पंजीकृत किए जाएंगे। केंद्रीय रजिस्ट्री के अभिलेख किसी उधारदाता अथवा संपत्ति का सौदा करने वाले अन्य किसी व्यक्ति द्वारा खोजबीन के लिए उपलब्ध होंगे। इस प्रकार के अभिलेख उपलब्ध होने से एक ही संपत्ति की प्रतिभूति पर विभिन्न ऋणों से जुड़ी धोखाधड़ी तथा ऐसी संपत्ति पर प्रतिभूति हित प्रकट किए बिना संपत्ति की धोखाधड़ी से बिक्री किये जाने पर रोक लगेगी । यह नोट किया जाए कि वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 की धारा 23 के उपबंधों के अंतर्गत संपत्ति पर प्रतिभूति हित सृजित करने वाले किसी प्रभार का विवरण प्रतिभूति हित सृजित होने की तारीख से 30 दिन के भीतर इस रजिस्ट्री में दर्ज किया जाना अपेक्षित है।

3. वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन (केंद्रीय रजिस्ट्री) नियमावली, 2011 की प्रतिलिपि इस संबंध में सरकार द्वारा जारी 31 मार्च 2011 की अधिसूचना की प्रतिलिपि सहित आवश्यक कार्रवाई के लिए संलग्न है ।

भवदीय

(पी. आर. रवि मोहन)
मुख्य महाप्रबंधक

अनु : यथोपरि

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