RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79194924

आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत गतिविधियां

भारिबैं/2019-20/122
विवि.आईबीडी.बीसी.26/23.13.004/2019-20

23 दिसंबर 2019

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय/ महोदया

आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना – अनुमत गतिविधियां

कृपया दिनांक 01 अप्रैल 2015 का समय-समय पर यथासंशोधित आरबीआई परिपत्र बैंविवि.आईबीडी.सं.14570/23.13.004/2014-15 देखें, जिसमें आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों से संबंधित आरबीआई के निदेश दिए गए हैं। हमें हितधारकों से आईएफएससी में आईबीयू और वित्तीय संस्थाओं के परिचालन के बारे में कुछ सुझाव और प्रश्न प्राप्त हुए हैं। इन मुद्दों की जांच की गई और 05 दिसंबर, 2019 के पांचवें द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2019-20 में यह घोषणा की गई कि आवश्यक अनुदेश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे। तदनुसार, उक्त निदेश निम्नलिखित रूप में संशोधित किए जाते हैं:

2. 1 अप्रैल, 2015 के उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध I और II के वर्तमान पैरा 2.6 (iv) को इस प्रकार पढ़े जाने के लिए संशोधित किया गया है:

"आरबीआई बैंकों से अल्पकालिक देयताएँ जुटाने के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं करेगा। तथापि आईबीयू को भारतीय बैंकों पर स्टैंड अलोन आधार पर लागू एलसीआर बनाए रखना होगा और आरबीआई द्वारा बैंकों को जारी चलनिधि जोखिम प्रबंध दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। आईबीयू पर एनएसएफ़आर भी लागू होगा, जब और जैसे इसे भारतीय बैंकों के लिए लागू किया जाएगा।"

3. 1 अप्रैल, 2015 के उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध I और II के वर्तमान पैरा 2.6 (v) को इस प्रकार पढ़े जाने के लिए संशोधित किया गया है:

"आईबीयू को बचत खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी। वे आईएफ़एससी में परिचालित इकाइयों और अनिवासी संस्थागत निवेशकों के निवेश लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए उनका विदेशी मुद्रा चालू खाता खोल सकते हैं। वे अपने कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के विदेशी मुद्रा चालू खाते भी (एस्क्रो खातों सहित) फेमा 1999 के प्रावधानों और उसके अंतर्गत जारी विनियमों, जहां भी उपर्युक्त पैरा 2.5 के प्रावधानों के साथ-साथ लागू हों, के अधीन खोल सकते हैं। तथापि आईबीयू खुदरा ग्राहको, जिसमें उच्च निवल मालियत वाले व्यक्ति(एचएनआई) शामिल हैं, से कोई देयता नहीं जुटा सकते। साथ ही आईबीयू में चालू खाता धारकों के लिए चेक सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। इन खातों से सभी लेनदेन बैंक अंतरण के माध्यम से किए जाने होंगे।"

4. 1 अप्रैल, 2015 के उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध I और II के वर्तमान पैरा 2.6 (x) को इस प्रकार पढ़े जाने के लिए संशोधित किया गया है:

“उपर्युक्त पैरा 2.5 के अधीन, आईबीयू गैर-बैंक संस्थाओं से एक वर्ष से कम अवधि के विदेशी मुद्रा मीयादी जमा स्वीकार कर सकता है और किसी भी समयावधि प्रतिबंध के बिना मीयादी जमा को परिपक्वता से पहले चुका भी सकता है।”

5. 1 अप्रैल, 2015 के उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध I के वर्तमान पैरा 2.8 को अनुबंध II के पैरा 2.8 के अनुरूप संशोधित किया गया है, जिसे इस प्रकार पढ़ा जाए:

“आईबीयू को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए "अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) और अन्य धन-शोधन निवारण अनुदेशों का ध्यानपूर्वक पालन करना होगा, जिसमें इससे संबंधित आरबीआई/ भारत में अन्य एजेंसियों द्वारा निर्धारित रिपोर्टिंग भी शामिल है। आईबीयू को नकद लेनदेन करने की मनाही होगी।”

6. उपर्युक्त परिपत्र में निहित अन्य सभी निबंधन और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी।

7. आईबीयू पर आरबीआई के परिपत्र की अद्यतन प्रति, जिसमें इस परिपत्र द्वारा किए गए संशोधनों को शामिल किया गया है, आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

भवदीय

(सौरभ सिन्हा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?