आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना - अनुमत गतिविधियाँ - आरबीआई - Reserve Bank of India
आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना - अनुमत गतिविधियाँ
भारिबै/2019-20/147 21 जनवरी 2020 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/महोदय आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना - अनुमत गतिविधियाँ कृपया आईएफ़एससी बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) की स्थापना के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों से संबंधित आरबीआई के दिनांक 01 अप्रैल, 2015 को जारी व समय-समय पर संशोधित परिपत्र बैविवि.आईबीडी.बीसी.सं.14570/23.13.004/2014-15 का संदर्भ लें। 2. ऑफशोर रुपया मार्केट पर श्रीमती उषा थोराट की अध्यक्षता वाले कार्य बल (टीएफ़) ने आईएफ़एससी में गैर सुपुर्दगी वाले रुपया डेरिवेटिव्स को चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की सिफारिश की थी, जिसे एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी डेरिवेटिव्स (ईटीसीडी) के साथ शुरू किया जाना है, और अगले चरण में ओवर द काउंटर (ओटीसी) डेरिवेटिव्स को भी सम्मिलित किया जाना है। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त सिफ़ारिशों को स्वीकार करने और आईएफ़एससी में रुपया डेरिवेटिव (विदेशी मुद्रा में निपटान के साथ) को ट्रेड करने की अनुमति देने का निर्णय 04 अक्टूबर, 2019 को जारी विकासात्मक और विनियामक नीतियों के विवरण के पैरा 2 में घोषित किया गया था। तदनुसार, 1 अप्रैल, 2015 के उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध I और II में एक नया पैरा सं 2.6 (xiv) जोड़ा गया है, जो इस प्रकार है: "आईबीयू को आईएफ़एससी में स्थापित स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध रुपया एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी डेरिवेटिव (विदेशी मुद्रा में निपटान के साथ) में भाग लेने की अनुमति है। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके आईबीयू के पास पूंजी प्रभार की कीमत, मूल्य और गणना करने और उपलब्ध कराए जाने वाले उत्पादों / लेनदेन से जुड़े जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता है और उन्हें इस तरह के लेनदेन के लिए अपने बोर्ड की मंजूरी भी लेनी चाहिए। आईबीयू इन उत्पादों में भाग लेते समय इस परिपत्र में लागू और बताए गए जोखिम न्यूनीकरण और विवेकपूर्ण उपायों का पालन करेंगे । इसके अलावा, आईबीयू दिनांक 20 जनवरी, 2020 को "अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में रुपया डेरिवेटिव की शुरुआत" पर जारी एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या. 17 से भी दिशानिर्देशित होंगे। 4. साथ ही, 01 अप्रैल, 2015 के पूर्वोक्त परिपत्र के अनुबंध I और II के मौजूदा पैरा 2.6 (vii) के अंत में निम्नलिखित को जोड़कर संशोधित किया गया है: "यह पैरा 2.6 (xiv) के प्रावधानों के अधीन है।" 5. उपर्युक्त परिपत्र में निहित अन्य सभी नियम और शर्तें अपरिवर्तित हैं। 6. अभी तक के संशोधनों को शामिल करते हुए आईबीयू पर आरबीआई के दिनांक 01 अप्रैल, 2015 के परिपत्र की अद्यतन प्रति आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। भवदीय (सौरभ सिन्हा) |