राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड
भारिबैं/2017-18/71 06 अक्तूबर 2017 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदया/ महोदय, राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड भारत सरकार ने 06 अक्तूबर 2017 की अधिसूचना सं. एफ़ 4 (25) - बी/(डबल्यू&एम)/2017 के माध्यम से राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड 09 अक्तूबर 2017 से शुरू होनेवाले प्रत्येक सप्ताह में सोमवार से बुधवार तक 27 दिसंबर 2017 तक की अवधि के लिए अभिदान के लिए खुली रहेगी। भारत सरकार द्वारा पूर्व सूचना देते हुए योजना को निर्दिष्ट अवधि से पहले बंद किया जा सकता है। बॉण्ड जारी करने के संदर्भ में नियमों और शर्तों को नीचे दिया गया है। 1. निवेश करने की योग्यता: भारत के कोई भी निवासी द्वारा व्यक्तिगत रूप से या अवयस्क की ओर से या किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर संयुक्त रूप से योजना के तहत बॉण्ड धारित किया जा सकता है। विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 2(यू) के साथ पठित 2(वी) में दी गई परिभाषा के अनुसार कोई भी निवासी भारतीय इसमें निवेश कर सकता है। इसमें व्यक्ति, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय, धर्मादाय संस्थाएं आदि भी शामिल हैं। 2. प्रतिभूति का रूप बॉण्ड को सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 की धारा 3 के अनुसार राज्य सरकार के स्टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को होल्डिंग प्रमाणपत्र (फॉर्म सी) दिया जाएगा। बॉण्ड को डी-मैट रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। 3. जारी तारीख सप्ताह के दौरान प्राप्त आवेदनों के लिए अगले सप्ताह के पहले कार्य दिवस पर बॉण्ड जारी किया जाएगा। 4. निर्गम कैलेंडर राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड 09 अक्तूबर 2017 से शुरू होनेवाले प्रत्येक सप्ताह में सोमवार से बुधवार तक 27 दिसंबर 2017 तक की अवधि के लिए निम्न कैलेंडर के अनुसार जारी किया जाएगा।
मूल्य वर्ग बॉण्ड एक ग्राम स्वर्ण के मूल्यवर्ग में तथा उसके गुणजों में होगा। निवेश की न्यूनतम सीमा एक ग्राम तथा अधिकतम सीमा प्रति वर्ष (अप्रैल – मार्च) में प्रत्यके व्यक्ति/ हिंदू अविभक्त परिवार के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्ट तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम होगी। बशर्तेकि ए) वार्षिक उच्चतम सीमा में सरकार द्वारा पहले विभिन्न श्रृंखलाओं में जारी बॉण्ड और माध्यमिक बाजार से खरीदे जाने वाले बॉण्ड शामिल होंगे। बी) निवेश की सीमा में बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा जमानत के रूप में धारित बॉण्ड को शामिल नहीं किया जाएगा। 6. निर्गम मूल्य बॉण्ड का मूल्य भारतीय रुपये में होगा और इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले स्वर्ण के अभिदान अवधि से पहले के हफ्ते के अंतिम तीन कार्य दिनों के साधारण औसत बंद मूल्य पर आधारित होगा। आवेदन को ऑनलाइन प्रस्तुत करने वाले और भुगतान डिजिटल माध्यम से करने वाले निवेशकों के लिए स्वर्ण बॉण्ड जारी करने का मूल्य नोमिनल मूल्य से 50 रुपए प्रति ग्राम कम होगा। 7. ब्याज बॉण्ड में निवेश की प्रारंभिक राशि पर 2.50 प्रतिशत (नियत दर) प्रतिवर्ष की दर से ब्याज देय होगा। ब्याज की राशि हर छ: महीने में निवेशक के बैंक खाते में जमा की जाएगी। अंतिम ब्याज राशि मीयाद पूरी हो जाने पर मूलराशि के साथ अदा की जाएगी। 8. आवेदन प्राप्त करने वाला कार्यालय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोडकर)/ चुनिंदा डाकघर (अधिसूचित किया गया)/ एसएचसीआईएल लिमिटेड/ नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड जैसे प्राधिकृत स्टॉक एक्सचेंज आदि बॉण्ड के आवेदन सीधे या एजेंटों के माध्यम से प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत है। 9. भुगतान विकल्प भारतीय रुपए में (अधिकतम ₹ 20,000/- तक) नकदी के माध्यम से/ चेक/ मांग ड्राफ्ट/ इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण से भुगतान स्वीकार किया जाएगा। चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान किए जाने पर उसे प्राप्त किए जाने वाले कार्यालय के नाम लिया जाना चाहिए। 10. मोचन i.) स्वर्ण बॉण्ड जारी होने के दिन से आठ साल की समय सीमा की समाप्ति पर प्रतिदेय हो जाएगा। जारी होने के दिनांक से पांच साल बाद ब्याज भुगतान किए जाने वाले दिनांक को बॉण्ड के समयपूर्व मोचन के लिए अनुमति है। ii.) बॉण्ड मूल्य भारतीय रुपये में होगा और वह चुकौती से पहले के तीन कार्य दिवसों के इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले स्वर्ण के साधारण औसत बंद मूल्य पर आधारित होगा। 11. चुकौती भारतीय रिज़र्व बैंक/ निक्षेपागार द्वारा बॉण्ड की मीयाद समाप्त होने से एक महीना पहले निवेशक को बॉण्ड की मीयाद पूरी होने की सूचना दे दी जाएगी। 12. सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) के लिए पात्रता बैंकों द्वारा धारणाधिकार (लीन) के प्रयोग/ जमानत/ गिरवी की प्रणाली के माध्यम से उपार्जित बॉण्ड ही एसएलआर के लिए गिना जाएगा। 13. बॉण्ड पर ऋण बॉण्ड को ऋण के लिए ज़मानत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा साधारण गोल्ड लोन के संदर्भ में समय समय पर लागू किए जाने वाले ऋण मूल्य अनुपात इस के लिए भी लागू होगा। इन बॉण्डों पर ग्रहणाधिकार अधिकृत बैंकों द्वारा डिपॉजिटरी में चिह्नित किया जाएगा। 14. कर का ट्रीटमेंट बॉण्ड पर प्राप्त ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार कर योग्य होगा। व्यक्तियों को राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड के मोचन से प्राप्त पूंजीगत लाभ को कर से छूट दी गई है। किसी भी व्यक्ति को बॉण्ड के हस्तांतरण पर उत्पन्न होने वाली दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए सूचीकरण लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। 15. आवेदन बॉण्ड के लिए सदस्यता हेतु निर्धारित आवेदन प्रपत्र (प्रपत्र 'ए') में या किसी मिलते जुलते अन्य प्रपत्र में किया जा सकता है जिसमें स्पष्ट रूप से सोने का ग्राम और आवेदक का नाम/ पता दिया जाए। प्राप्त कार्यालय द्वारा आवेदक को पावती फॉर्म 'ख' में जारी किया जाएगा। 16. नामांकन सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 (2006 का 38) और सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के प्रावधानों के अनुसार नामांकन तथा उसका रद्दीकरण क्रमश: फॉर्म डी तथा ई में किया जाना है जिसे 1 दिसंबर 2007 के भारतीय राजपत्र के भाग III, खंड 4 में प्रकाशित किया गया है। 17. ट्रांस्फरबिलिटी 1 दिसंबर 2007 के भारतीय राजपत्र के भाग III, खंड 4 में प्रकाशित सूचना के अनुरूप तथा सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 (2006 का 38) और सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के प्रावधानों के अनुसार फॉर्म एफ़ का प्रयोग करते हुए अंतरण हेतु एक लिखत के एक्सिक्यूशन के माध्यम से बॉण्ड को अंतरित किया जा सकता है। 18. बॉण्ड का ट्रेडिंग निवेशक के डीमैट खाते में जमा हो जाने की तिथि से इन बॉण्डों का ट्रेड किया जा सकता है। 19. वितरण के लिए कमीशन आवेदन प्राप्त करने वाले कार्यालयों द्वारा सौ आवेदन के लिए एक रुपए के दर पर कमीशन का भुगतान किया जाएगा और आवेदन प्राप्त करने वाले कार्यालय एजेंटों या सब-एजेंटों को उनके माध्यम से प्राप्त व्यापार के लिए कमीशन का कम से कम 50% उनके साथ साझा करेगा। 20. भारत सरकार द्वारा वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) के 8 अक्तूबर 2008 के अधिसूचना एफ़.सं.4 (13) डबल्यू&M/2008 के माध्यम से जारी सभी अनुदेश बॉण्ड पर लागू होंगे। 21. राष्ट्रिक स्वर्ण बॉण्ड के संदर्भ में दिशानिर्देश 06 अक्तूबर 2017 के परिपत्र सं आंऋप्रवि.सीडीडी.सं.927/14.04.050/2017-18 के माध्यम से जारी किया गया है। भवदीय (षैनि सुनिल) सं.: यथोपरि |