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चेक फार्मों में सुरक्षा संबंधी विशेषताओं का मानकीकरण और  संवर्धन / सीटीएस 2010 मानकों को अपनाना

आरबीआई /2012-13/444
डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 1622 / 04.07.05/ 2012-13

18 मार्च, 2013

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
/ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / स्थानीय क्षेत्रीय बैंक

महोदय/महोदया

चेक फार्मों में सुरक्षा संबंधी विशेषताओं का मानकीकरण और  संवर्धन / सीटीएस 2010 मानकों को अपनाना

कृपया दिनांक 14 दिसंबर 2012 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 955/04.07.05/2012-13 का संदर्भ लें। बैंकों द्वारा सीटीएस 2010 मानक चेकों को अपनाने के संबंध में अब तक हुई प्रगति और कुछ बैंकों और भारतीय बैंक संघ के साथ परामर्श से लिए गए  निर्णय के अनुसार 31 मार्च 2013 की अंतिम सीमा के पश्चात अवशिष्ट गैर- सीटीएस 2010 मानक चेकों के समाशोधन के लिए निम्नलिखित व्यवस्था की गई है।

क. इस परिपत्र की तिथि के बाद बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले सभी चेक (बैंकों द्वारा जारी डीडी /पीओ सहित) अनिवार्य रूप से सीटीएस 2010 मानक के अनुरूप होने चाहिए।

ख. बैंक अपने बचत बैंक खाता ग्राहकों से सीटीएस 2010 मानकों के अनुरूप चेक जारी करने के लिए पहली बार शुल्क नहीं लेंगे। तथापि, बैंक अपनी स्वीकृत उचित व्यवहार संहिता के अनुसार अतिरिक्त चेक जारी करने के लिए चेक बुक जारी करने के संबंध में मौजूदा नीति का पालन करना जारी रख सकते हैं।

ग. ग्राहकों के पास उपलब्ध सभी अवशिष्ट गैर- सीटीएस 2010 चेक चार महीनों के लिए अर्थात 31 जुलाई 2013 तक वैध होंगे [चेक ट्रांकेशन सिस्टम (सीटीएस) केन्द्रों सहित], बशर्ते जून 2013 में इसकी  समीक्षा की जाएगी।

घ. चेक जारी करने वाले बैंकों को एसएमएस अलर्ट, पत्रों, शाखाओं / एटीएम पर डिस्प्ले बोर्डों, इंटरनेट बैंकिंग में लॉग ऑन मैसेज और वेब साइट पर अधिसूचना आदि के माध्यम से ग्राहकों के बीच जागरूकता पैदा करके 31 जुलाई 2013 तक बढ़ाई गई समय सीमा तक परिचालनरत गैर- सीटीएस 2010 मानक चेकों को वापस लेने के सभी प्रयास करने चाहिए।

ङ. इस संबंध में इस विभाग को संलग्न प्रारूप में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि बैंकों द्वारा सीटीएस 2010 मानक चेकों को अपनाने के संबंध में प्रगति की निगरानी की जा सके।

च. इसके अतिरिक्त, चेक संसाधन केन्द्रों में संसाधित आवक समाशोधन लिखतों की बैंक-वार मात्रा की निगरानी प्रस्तुत किए गए सीटीएस 2010 / गैर- सीटीएस 2010 मानक चेकों के संबंध में की जाएगी।

छ. नए पोस्ट डेटेड चेक (पीडीसी)/ समानीकृत मासिक किस्त (ईएमआई) चेक (पुराने स्वरूप या नए सीटीएस 2010 मानक प्रारूप में) ऋण देने वाले बैंकों द्वारा ऐसे स्थानों पर स्वीकार नहीं किए जाएंगे जहां ईसीएस / आरईसीएस (डेबिट) की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे स्थानों पर ऋण देने वाले बैंक, मौजूदा पोस्ट डेटेड चेकों (पीडीसी) को उधारकर्ताओं द्वारा नए मैंडेट प्राप्त कर ईसीएस/आरईसीएस (डेबिट) में परिवर्तित करने के सभी प्रयास करें।

2. उपरोक्त निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धारा 18 (2007 का अधिनियम 51) के तहत जारी किए जा रहे हैं।

3. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें और अनुपालन की पुष्टि करें।

भवदीय

(विजय चुग)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक: अनुबंध

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