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बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 के अंतर्गत सांवि‍धि‍क चलनि‍धि अनुपात (एसएलआर)

आरपीसीडी.केंका.आरएफ़.बीसी. सं.18/07.02.05/2003-04

14 अगस्त 2003

सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी)
आरआरबी के प्रायोजक बैंक

महोदय,

बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 के अंतर्गत सांवि‍धि‍क चलनि‍धि अनुपात (एसएलआर)

कृपया दिनांक 29 अप्रैल 2002 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.आरएफ.सं.87/07.02.05/2001-02 और दिनांक 29 अक्टूबर 2002 के हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरएफ.बीसी.37/07.02.05/2002-03 का संदर्भ लें, जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रायोजक बैंकों के पास मौजूदा जमाराशियों को सरकारी प्रतिभूतियों में परिवर्तित करके अपनी संपूर्ण एसएलआर होल्डिंग्स को सरकारी प्रतिभूतियों में बनाए रखने हेतु सूचित किया गया है।

2. हमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों/ प्रायोजक बैंकों से प्रश्न प्राप्त हो रहे हैं कि क्या अन्य घटक, अर्थात हाथ में नकदी और प्रायोजक बैंकों के साथ रखे गए चालू खाते में नकदी शेष, एसएलआर प्रयोजन के लिए योग्य होंगे।

3. इस संबंध में हम स्पष्ट करते हैं कि नकदी शेष बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधान के अनुसार एस.एल.आर. के लिए अर्हता प्राप्त करना जारी रखेंगे। तथापि, प्रायोजक बैंकों के पास कॉल या सावधि जमा में आर.आर.बी. द्वारा रखे गए शेष को एस.एल.आर. जमा के एक भाग के रूप में नहीं माना जाएगा और आर.आर.बी. को मार्च 2003 तक सरकारी प्रतिभूतियों के साथ मौजूदा कॉल या सावधि जमा को परिवर्तित करने हेतु सूचित किया गया है। तथापि, प्रायोजक बैंकों के साथ 30 अप्रैल 2002 से पहले करारबद्ध तथा मार्च 2003 के बाद परिपक्व होने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की एस.एल.आर. जमा को, परिपक्व होने तक एस.एल.आर. प्रयोजनों के लिए गिना जाएगा।

4. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें।

भवदीय
(पी.के. बहिनीपति)
महाप्रबंधक

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