छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निध्ंा िअनुपात बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निध्ंा िअनुपात बनाए रखना
भारिबैं / 2006-07/277 2 मार्च 2007 सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदय, छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निध्ंा ि अनुपात बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 जून 2006 का हमारा परिपत्र भारिबैं / 2005-06 /425 ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी. 94/ 07.02.01/2005-06 देखें। यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से उक्त परिपत्र को वापस ले लिया जाए । तथापि, यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को, उसकी कुल मांग और मीयादी देयताओं का 3 प्रतिशत का सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखने की शर्त पर, निम्नलिखित देयताओं पर 22 जून 2006 से औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाये रखने से छूट जारी रहेगी : i. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के स्पष्टीकरण के खंड (V) के अंतर्गत की गयी गणना के अनुसार भारत में बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं ; औरii. भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के साथ संपार्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेन। 2. 2 मार्च 2007 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी.55/07.02.01/2006-07 की प्रति संलग्न है । 3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों को प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय (के.भट्टाचार्य) ग्राआऋवि.आरएफ. बीसी.55/07.02.01/2006-07 2 मार्च 2007 अधिसूचना
यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से 22 जून 2006 की अधिसूचना सं. ग्राआऋवि.आरएफ. 6107/07.02.01/2005-06 वापस ले ली जाए । तथापि, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (7) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने एतद्वारा 22 जून 2006 से प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को निम्नलिखित देयताओं के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाये रखने से छूट जारी रखने का निर्णय लिया है। तथापि , अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों द्वारा कुल मांग और मीयादी देयताओं के संबंध में रखा जानेवाला प्रभावी सीआरआर कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत से कम नहीं होगा। (वी.एस.दास) |