भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ / 2007-08/288 21 अप्रैल 2008 सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ / 2007-2008 / 174 ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 34 / 07.02.01 / 2007-08 देखें । वर्तमान चलनिधि परिस्थितियों की समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) में उनकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशतता अंक के आधे की दो चरणों में वृध्दि की जाए, जो नीचे उल्लिखित पखवाडों से लागू होंगी।
2. इससे संबंधित 21 अप्रैल 2008 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 58 / 07.02.01 / 2007-08 की प्रतिलिपि संलग्न है। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें । भवदीय, (जी.श्रीनिवासन) ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 58 / 07.02.01 / 2007-08 21 अप्रैल 2008 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 30 अक्तूबर 2007 की अपनी अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी सं. 33 / 07.02.01 / 2007-08 में आंशिक आशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक द्वारा रखे जाने के लिए अपेक्षित औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) का प्रतिशत नीचे उल्लिखित तारिखों से उनके सामने दर्शाए गए अनुसार होगा ।
(वी.एस.दास) |