भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआइ/2008-09/105 30 जुलाई 2008 सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक महोदय, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 26 जून 2008 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 83/07.02.01/2007-2008 देखें। जैसा कि वर्ष 2008-09 के लिए वार्षिक मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा पर 29 जुलाई 2008 को जारी गवर्नर महोदय के वक्तव्य में उल्लेख किया गया है, चलनिधि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 30 अगस्त 2008 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से 25 आधार अंक बढ़ाकर उनकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं का 9.00 प्रतिशत किया जाए । 2. इससे संबंधित 30 जुलाई 2008 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 14/07.02.01/2008-09 की प्रतिलिपि संलग्न है। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना हमार संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें । भवदीय (जी.श्रीनिवासन) ग्राआऋवि.केका.आरएफ. बीसी. सं. 14/07.02.01/2008-2009 30 जुलाई 2008 अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 26 जून 2008 की अपनी अधिसूचना ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 82/07.02.01/2007-2008 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा यह अधिसूचित करता है कि प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक द्वारा रखा जाने वाला अपेक्षित औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 30 अगस्त 2008 से आरंभ होने वाले पखवाड़े से उसकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं का 9.00 प्रतिशत होगा।(वी.एस.दास) |